चौबीस घंटे सीसीटीवी की निगरानी में रहेंगे बंदी
जागरण संवाददाता, उरई : जिला कारागार में क्षमता से अधिक बंदी कैद होने की वजह से कई बार
जागरण संवाददाता, उरई : जिला कारागार में क्षमता से अधिक बंदी कैद होने की वजह से कई बार उन पर नियंत्रण करना कठिन हो जाता है। सीमित फोर्स की वजह से सभी बंदियों की निगरानी में कई बार चूक हो चुकी है। यहां तक कि तीन साल पहले पांच बंदी जेल से भाग जाने में सफल भी हो चुके हैं। कारागार में कैद बंदियों की निगरानी के लिए हाईटेक व्यवस्था की गई है। जेल परिसर में कुल तीस कैमरे लगा दिए गए हैं।
हालांकि करीब छह महीने पहले कैमरे लग चुके थे, लेकिन तकनीकी खराबी आ जाने की वजह से उनका संचालन दो दिन ही हो पाया था, लेकिन अब सिस्टम सही कर लिया गया है। कुल तीस कैमरे जेल परिसर में लगाए गए हैं। जेल में बंदियों को रखने के लिए कुल आठ बैरकें हैं। सभी बैरकों में कमरे फिट करने के अलावा मैदान, छत, मुख्य गेट में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इनमें दो कैमरे मू¨वग मोड पर रहते हैं। जेल प्रशासन को उम्मीद है कि कैमरे फिट होने के बाद बंदी अब अनुशासन तोड़ने की हिमाकत नहीं कर सकेंगे। इसका सकारात्मक असर देखने को भी मिल रहा है। कैमरों के डीवीआर दो एलईडी टीवी से कनेक्ट किया गया है। एक एलईडी पर 14 कैमरों का डिस्प्ले आता है, जबकि दूसरे एलईडी पर 16 कैमरों की लाइव रिकार्डिग डिस्प्ले होती है। -सीताराम शर्मा, जेल अधीक्षक।