तेज रफ्तार बस पलटने के बाद मचा हाहाकार, सात घायल
नाबालिग को भगाने वाला आरोपी पकड़ा डकोर संबाद सूत्र करीब दो माह पहले बहला फुसलाकर ले जाई गई नाबालिग को पुलिस ने गुजरात से बरामद किया है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। करीब दो माह पूर्व 20 जुलाई को डकोर थाना क्षेत्र के एक
संवाद सूत्र, कुठौंद : थाना क्षेत्र के ग्राम दौन बिचौली-मदारीपुर के बीच रविवार की रात तेज रफ्तार फौजी ट्रैवल्स की एसी बस खंदक में पलट गई थी। जिसके बाद वहां चीख पुकार मच गई। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने लोगों को बाहर निकालने के साथ पुलिस को सूचना दी। कई सवारियां घायल हो गईं, जिन्हें इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। अन्य सवारियों को दूसरी बस से गंतव्य के लिए भेजा गया। प्राथमिक जांच में पता चला कि चालक सो रहा था और बस को क्लीनर चला रहा था।
फौजी ट्रैवल्स की प्राइवेट एसी बस उरई से कोंच होकर दिल्ली को जा रही थी। बस में करीब साठ सवारियां सफर कर रही थीं। बस जैसे ही दौन बिचौनी-मदारीपुर गांव के बीच पहुंची तो सड़क के बीच में डिवाइडर न होने के कारण खाली खंदक में सड़क का पहिया चला गया, जिसके बाद वह पलट गई। बस के पलटते ही वहां चीख पुकार मच गई। गुजर रहे अन्य वाहन चालक रुक गए और आसपास के ग्रामीण भी मौके पर आ गए। इसके बाद पुलिस भी मौके पर पहुंची और बस में फंसे लोगों को बाहर निकाला गया। हादसे में कुछ लोग घायल हो गए थे। घायलों में 50 वर्षीय रानी देवी निवासी घुसिया थाना कोंच, 35 वर्षीय शिवसिंह, बबीना थाना कदौरा, 24 वर्षीय विशाल, 50 वर्षीय तुलसीराम, 32 वर्षीय रामेष्ट, 21 वर्षीय सोनू, रानी देवी शामिल हैं। जिन्हें इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराकर उनके परिजनों को सूचना दी। इसके साथ ही अन्य सवारियों को दूसरों बसों से रवाना कर दिया गया।
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बोहदपुरा के बाद चालक ने बरती लापरवाही
यात्रियों ने बताया कि जैसे ही बस उरई से निकली तो बोहदपुरा पार करते हुए ड्राइवर ने बस को क्लीनर के हवाले कर दिया और खुद सोने चला गया। इसी वजह से यह हादसा हुआ है। अगर बस ड्राइवर चला रहा होता तो शायद यह हादसा न होता।
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सिपाही ने दिया किराया
जैसे ही बस दौन बिचौली के पास पलटी तो वहां चीख पुकार मची थी। इसके साथ ही जो सवारियां निकाली जा रही थीं उनको दूसरी बसों में बैठाकर भेजा जा रहा था लेकिन एक सवारी के पास पैसे नहीं थे जिससे वह दूसरी बस में नहीं बैठ रहा था जिसके बाद कुठौंद थाने के सिपाही रघुवंश प्रताप और अजय नायक ने अपने पास से उसे किराया दिया और रास्ता खर्च देकर दूसरी बस से रवाना किया। जिसकी सभी ने सराहना की।
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जिम्मेदार रहते मौन, जगह-जगह खुले हैं बुकिग सेंटर
जिले में अवैध डग्गामारी और नियमों के विपरीत बसों का संचालन करने वालों की सेटिग इतनी तगड़ी है कि जिम्मेदारों ने आंख पर पट्टी बांध रखी है। दर्जनों जगहों पर बुकिग सेंटर खोल निजी बस संचालक सवारियां बैठाते हैं। दूसरे प्रदेशों और जिलों में रजिस्टर्ड वाहनों के जरिए सवारियों को ढोया जा रहा है। अधिकतर के एजेंट उरई, कोंच, जालौन, मदारीपुर, कुठौंद, नैनापुर, शंकरपुर में बुकिग के लिए बैठते हैं, जो कमीशन पर काम करते हैं।
-------------- घटना की सूचना मिलते ही मौके पर जाकर जांच की गई। बस का गौतमबुद्ध नगर से रजिस्ट्रेशन है और फिटनेस आदि पूरी है। टैक्स को लेकर जांच की जा रही है। कांट्रैक्ट कैरेज रजिस्ट्रेशन के बाद सवारियां ढोने की जांच की जा रही है।
सोमलता यादव, एआरटीओ प्रशासन