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फिर बेतवा ने ली अंगड़ाई, पहुंची खतरे के निशान से तीन मीटर नीचे

अन्ना जानवर सड़कों पर मिले तो प्रधान व सचिव पर होगी कार्रवाई फोटो संख्या 26 ओआरआई संवाद सूत्र डकोर सोमवार को खंड विकास कार्यालय में सचिवों व प्रधानों की बैठक में बीडीओ ने सभी गांवों में जल्द ही गोशालाओं का निर्माण पूरा कराने के निर्देश दिए हैं जिससे किसानों को फसलों को बचाया जा सके। बीडीओ डकोर सुदामा शरण ने ग्राम प्रधानों व सचिवों को कड़े निर्देश दिए कि

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Aug 2019 11:17 PM (IST)Updated: Wed, 28 Aug 2019 08:13 AM (IST)
फिर बेतवा ने ली अंगड़ाई, पहुंची खतरे के निशान से तीन मीटर नीचे
फिर बेतवा ने ली अंगड़ाई, पहुंची खतरे के निशान से तीन मीटर नीचे

संवाद सूत्र, डकोर : बुंदेलखंड क्षेत्र में तीन दिन से हो रही लगातार बारिश से माताटीला व राजघाट बांध फिर से लबालब हो गए हैं। रविवार की शाम को माताटीला बांध से एक लाख और राजघाट बांध से 50 हजार क्यूसेक पानी बेतवा नदी में छोड़े जाने से इसके जलस्तर में भारी बढ़ोतरी हुई है। बेतवा का जलस्तर 119.97 मीटर पर पहुंच गया है। जो खतरे के निशान 122.55 मीटर से महज तीन मीटर कम है। जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में पानी भरने लगा है। बाढ़ के हालात देख ग्रामीणों में दहशत भर गई।

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रविवार की शाम को बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद बेतवा का जलस्तर बढ़ने लगा है। धीरे-धीरे खतरे के निशान के करीब पहुंच रही है। माताटीला व राजघाट बांध से नदी में पानी छोड़े जाने की सूचना पर निचले इलाकों में रहने वाले ग्रामीण रातभर जागकर जलस्तर की जानकारी लेते रहे। वहीं बेतवा में पानी छोड़े जाने की खबर पर जिलाधिकारी डा. मन्नान अख्तर के निर्देशन पर सदर एसडीएम, तहसीलदार व क्षेत्रीय लेखपाल भी पल पल की जानकारी लेते रहे लेकिन बाढ़ से निपटने के लिए कोई भी पुख्ता इंतजाम नजर नहीं आ रहे हैं। थानेदार ने माइक से ग्रामीणों को दिया सुरक्षा का भरोसा

बेतवा नदी के जलस्तर की बढ़ोतरी की सूचना पर ग्राम मुहाना, मकरेछा, टिमरों, जैसारी, बंधौली, गुढ़ा, सिमिरिया के ग्रामीण दहशत में हैं। इंस्पेक्टर बीएल यादव माइक से ग्रामीणों को आश्वासन देते रहे कि वह किसी प्रकार का खतरे नहीं हैं। बेतवा का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है। उन्होंने पूरी रात ग्रामीणों से संग काटी। फिर फसल डूबी पानी में

बाढ़ से प्रभावित एक दर्जन गांव के किसानों में मोहाना निवासी हरिश्चन्द्र पांच बीघा, ब्रजकिशोर नौ बीघा, देवेन्द्र सात बीघा, जाहर सिंह 20 बीघा, गंगाप्रसाद 10 बीघा जमीन में बोई गई तिल की फसल नष्ट हो गई। उन्होंने बताया कि अभी तक प्रशासन का कोई भी अधिकारी उनके दुख दर्द में शामिल होने नहीं आया और न ही किसी जनप्रतिनिधि ने उनकी सुध ली है। इन गांवों पर मंडरा रहा बाढ़ का खतरा

बेतवा का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में बसे गांव मुहाना, मकरेछा, कहटा, गुढ़ा, बंधौली, सिमिरिया आदि में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। कई गांवों में बेतवा का पानी घुसने लगा है। अभी और जलस्तर बढ़ सकता है। बेतवा प्रखंड के अभियंता हीरा सिंह ने बताया कि माताटीला व राजघाट से पानी छोड़ा गया है। जिस तरह से बेतवा में पानी का बहाव दिखाई दे रहा है, उससे यह आशंका है कि बेतवा के जलस्तर में और भी बढ़ोतरी हो सकती है। हालात पर नजर रखी जा रही है।


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