Move to Jagran APP

थैंक्यू डॉक्टर, आपकी बदौलत अपनों संग मनाया रक्षाबंधन

चल रही जंग लड़ रहे योद्धा यानी चिकित्सक और मेि

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 11:39 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 06:04 AM (IST)
थैंक्यू डॉक्टर, आपकी बदौलत अपनों संग मनाया रक्षाबंधन
थैंक्यू डॉक्टर, आपकी बदौलत अपनों संग मनाया रक्षाबंधन

जागरण संवाददाता, उरई : महामारी के खिलाफ जंग लड़ रहे योद्धा यानी चिकित्सक और मेडिकल स्टाफ ही एकमात्र सहारा हैं। कोरोना पर जीत दर्ज करने वाले कहते हैं कि इलाज के दौरान यह बात अच्छी तरह समझ में आ गई कि वास्तव में डॉक्टर धरती के भगवान हैं। मेडिकल स्टॉफ ने जिस तरह अपनों की तरह सेवा की और ध्यान रखा, वह जिदगी भर नहीं भूलेंगे। उनकी बदौलत ही हम आज अपनों के बीच रक्षाबंधन मना सके।

loksabha election banner

------- सोचती थी कि घर नहीं जा पाऊंगी

कालपी : राजघाट मोहल्ला निवासी नीलम यादव आशा बहू हैं। 27 जून को संक्रमित मिलने के बाद उरई मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। कहती हैं कि उस समय इतना डर गई थी कि लगता था कि घर वापस कभी नहीं जा पाएंगी। चिकित्सकों की कारगर इलाज के चलते सात जुलाई को घर वापस आईं, तब जाकर चैन मिला। अब अपने इकलौते भाई सुनील के हाथों में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी राखी बांध सकीं।

डॉक्टरों की मेहनत से हफ्तेभर में ठीक हुईं

कालपी : मोहल्ला तरीबुल्दा में एक साथ पांच परिवारों के 15 लोग संक्रमित निकले, उनमें से एक बबिता भी थी। कहती है कि जैसे ही पॉजिटिव रिपोर्ट की जानकारी हुई तो केवल आंख से आंसू ही निकल रहे थे। डर था कि कहीं कुछ हो न जाए। चिकित्सकों ने इलाज शुरू किया और समझाया तो मनोबल बढ़ा। एक हफ्ते के अंदर वह ठीक होकर घर वापस आईं। सुबह से ही रक्षाबंधन की तैयारियों में लगी थी। कहती है कि सही में चिकित्सक ही धरती के भगवान हैं।

नहीं लगता था कि इस बार राखी बंधवा पाउंगा

तरीबुल्दा मोहल्ला निवासी विमल कुमार भी उनमें एक हैं, जिन्होंने कोरोना पर जीत दर्ज की। कहते हैं कि चिकित्सक को ऐसे ही भगवान का दर्जा समाज में नहीं मिला है। संक्रमित निकलने के बाद लगी ही नहीं कि अब हाथ पर राखी बंधेगी। इलाज के साथ हौसला बढ़ाते हुए चिकित्सकों ने कह दिया था कि आप लोग राखी पर अपने घर में रहोगे और वह उन्होंने कर दिखाया।

जितनी भी दुआएं दूं, कम है

जालौन : ग्राम अकोड़ी दुबे निवासी नरेंद्र सिंह की पत्नी अवध कुमारी कहती हैं कि संक्रमित होने की जानकारी के बाद दिमाग सुन्न हो गया था। बहुत बुरे ख्याल मन में आने लगते थे। चिकित्सक व मेडिकल कर्मचारियों ने उपचार के साथ अपनत्व दिया। कोरोना से जीतने के लिए आत्मविश्वास बढ़ाया। उनकी ही देन है कि वह अपनों के साथ रक्षाबंधन की खुशियां मना सकीं। जखा निवासी भाई मंगल सिंह को राखी बांधी जरूर पर मन से केवल डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए ही दुआएं निकल रही हैं।

जब सब साथ छोड़ गए, तब डॉक्टर पास थे

जालौन : ग्राम सुढ़ार निवासी वीरेंद्र सिंह तोमर कहते हैं कि जिस कोरोना ने पूरे विश्व को प्रभावित कर दिया है, उस पर सीमित संसाधनों के बीच हमारे डॉक्टरों व स्वास्थ्य व कर्मचारियों ने हमारी जीत दर्ज कराई। हमें निराशा से निकाल मोटिवेट किया, इसे जीवन भर भूल नहीं सकेंगे। ऐसी महामारी जिसने अपनों को भी पराया बना दिया, उसके बीच यही हमारी ढाल बनकर खड़े हुए। जता दिया कि वह वास्तव में सच्चे साथी हैं। परिवार के सदस्य के तरह देखभाल कर अपने सेवाभाव का अहसास करा दिया।

उनकी वजह से ही आज राखी बांध रही हूं

कालपी : तरीबुल्दा मोहल्ला निवासी अंजली की खुशी का ठिकाना नहीं है। कहती है कि आज चिकित्सकों की बदौलत ही वह रक्षाबंधन की खुशी में इतराती घूम रही है। भाई की कलाई पर राखी बांध सकी। यह सब चिकित्सकों की अथक मेहनत व लगन के चलते ही संभव हुआ है। वह बेहद खुश है और सुबह उठकर सबसे पहले उन चिकित्सकों व कर्मचारियों को याद करती है, जिनकी वजह से आज पूरी तरह स्वस्थ है। थैंक्यू डॉक्टर..।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.