महिला को गोली मारने वाले को दस साल कैद
भरे साबित हो रहे थे। ठंडी हवाएं सिरहन पैदा कर रही थीं जिससे पशु पक्षी भी बेहाल रहे। सर्दी से कांपते पशु इधर उधर अलावों के आसपास खड़े थे।
जागरण संवाददाता, उरई : घर में घुसकर गोली मारने एवं आग लगाने के एक मुकदमे में अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय की कोर्ट ने नामजद आरोपित को दस साल की सजा सुनाई। उस पर 23 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
कालपी के मोहल्ला तरीबुल्दा में 28 जुलाई 2009 की रात करीब डेढ़ बजे विमला देवी के घर में घुसकर दो लोगों ने छप्पर में आग लगा दी थी। विरोध पर आरोपितों ने उसे गोली मार दी। विमला ने नंदकिशोर एवं मुसमरिया निवासी मथुरा के विरुद्ध आगजनी एवं हत्या की कोशिश का मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने आरोपितों के विरुद्ध साक्ष्य न मिलने की दलील देकर फाइनल रिपोर्ट लगा दी। विमला ने न्यायालय में इसका विरोध किया तो कोर्ट ने आरोपितों को तलब कर घर में घुसकर गोली मारने एवं आग लगाने के मुकदमे में विचारण शुरू किया। एडीजे तृतीय अनिल कुमार यादव की कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले में सुनवाई पूरी कर फैसला सुना दिया। अदालत ने आरोपित मथुरा को दोषी करार देते हुए दस साल कठोर कारावास व 23 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। शासकीय अधिवक्ता अनूप उपाध्याय ने बताया कि मथुरा के न्यायालय में देर से आत्मसमर्पण के करने से नंद किशोर की पत्रावली अलग कर दी गई थी। उसे पहले ही सजा हो चुकी थी।