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चाय के चुस्कियों में बढ़ती महंगाई की उबाल

विमल पांडेय उरई चाय के शौकीनों के लिए यह खबर काफी हैरान करने वाली है। पिछले दो

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 08:58 PM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 08:58 PM (IST)
चाय के चुस्कियों में बढ़ती महंगाई की उबाल
चाय के चुस्कियों में बढ़ती महंगाई की उबाल

विमल पांडेय, उरई : चाय के शौकीनों के लिए यह खबर काफी हैरान करने वाली है। पिछले दो महीनों में चाय के दामों में तीस से चालीस फीसद तक की बढ़ोत्तरी हुई है। फुटकर हो या थोक चाय हो सभी प्रकार की चाय में बेतहाशा वृद्धि होने से चाय की बाजारों में महंगाई का उबाल आ चुका है। माना जा रहा है कि कोरोना काल में चाय की मांग बढ़ने और उत्पादन कम होने से यह स्थिति बनी है।

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थोक कारोबारी इसके पीछे आसाम व पश्चिम बंगाल के चाय बागानों में मजदूरों की कमी को जिम्मेदार मान रहे हैं। जिले में जहां कभी पांच रुपये में एक चाय आसानी से मिल जाती थी, वह अब सात से दस रुपये में बेची जा रही है। चाय की 12 से अधिक दुकानें हैं, जबकि फुटकर में यह संख्या 300 के करीब है। कोरोना काल में खाद्य पदार्थो में महंगाई के बाद अब चाय में भी दिखने लगा है। अधिक खपत होने से दामों में लगातार वृद्धि हुई है। पैक्ड चायपत्ती में 50 से ज्यादा कंपनियां बाजारों में चायपत्ती बेच रही हैं। इनके दामों में तीस से चालीस फीसद दाम बढ़ाए गए हैं। जब कि खुली चाय में भी चालीस फीसद तक दाम बढ़ गए हैं।

बोले विक्रेता

लॉकडाउन के दौरान चायपत्ती की डिमांड बढ़ने के कारण ऐसा हुआ है। गर्मी में चाय की डिमांड कम रहती रही है। लॉकडाउन में चायपत्ती की डिमांड सबसे ज्यादा रही है। असोम और पश्चिम बंगाल के बागानों में मजदूरी की कमी के कारण भी ऐसा हुआ है।

- उत्कृष्ट गुप्ता, थोक कारोबारी

लॉकडाउन के कारण चायबजार में सबसे ज्यादा फर्क पड़ा है। हालात समान्य होने में फर्क पड़ेगा। डिमांड खूब रहती है लेकिन माल ही पर्याप्त नहीं आता है।

- माजिद खान, विक्रेता जवाहरगंज

इतने बढ़े दाम

70 से 80 रुपये किलो तक बढ़े सामान्य चाय के दाम।

90 से 150 रुपये प्रतिकिलो तक कंपनियों की पैक्ड चाय के दाम बढ़े।

एक माह में पांच टन की खपत

उरई जनपद में प्रति माह चाय की डिमांड 5 से 7 टन तक औसत होती है। गत वर्ष लगभग तीन टन चायपत्ती की डिमांड रही है। इस बार कोरोना काल में सबसे ज्यादा एक टन चायपत्ती की डिमांड जनपद में हुई थी। अगर डिमांड ऐसे ही बढ़ती रही तो आने वाले तीन महीनों में चायपत्ती के दामों में और भी वृद्धि हो सकती है। ये हैं कारण :

- संक्रमण काल में चाय की मांग बढ़ना।

- असोम व पश्चिम बंगाल के चाय बागानों में मजदूरों की कमी।

- उत्पादन में 37 फीसद की गिरावट

बोले शौकीन

चायपत्ती महंगी होने के कारण अपने शौक पर नियंत्रण किया है। बाजार में हाफ चाय ही पीते हैं। दिनभर में कभी दस चाय पीते थे महंगाई के कारण अब चाय पीना कम कर दिया है।

- राजेंद्र अग्रवाल बाजार में आठ से दस रुपये की चाय मिलने लगी है। दुकानों में कटिग चाय का चलन बढ़ रहा है। कटिग चाय पांच रुपये में मिलती है जब कि फुल चाय आठ रुपये में मिलती है।

- राशिद मुखिया


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