सख्ती बेअसर, पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे किसान
संवाद सहयोगी कोंच तू डाल डाल मैं पात पात यह कहावत आजकल गांवों में प्राशासन के अधिकारियों और किसानों के मध्य देखी जा रही है। पराली जलाने पर जहां-जहां प्रशासन के अधिकारी निरीक्षण को जाते हैं वहां उन्हें खेतो में पराली जलती हुई मिलती है बुधबार को कैलिया गांव में जब कर्मचारियों ने निरीक्षण किया तो उन्हें गाटा संख्या 926 रकबा 1.
संवाद सहयोगी, कोंच : तू डाल-डाल मैं पात-पात कहावत आजकल गांवों में प्रशासन के अधिकारियों और किसानों के बीच देखी जा रही है। लाख सख्ती के बाद भी पराली जलाने पर रोक लगती नहीं दिख रही है। बुधवार को कैलिया गांव में कर्मचारियों ने निरीक्षण किया तो उन्हें गाटा संख्या 926 रकबा 1.88 में धान की पराली जली हुई मिली। इसके पूर्व भी कुदरा, धौरपुर, सलैया, दाड़ी, तूमरा आदि गांवों में धान की पराली जलाने की सूचना पर कर्मचारी, अधिकारी पहुंचे चुके हैं।
धान की फसल के अवशेष जलाए जाने को लेकर किसान गंभीरता नहीं बरत रहे हैं। आग लगाने के पीछे किसानों का तर्क है कि उन्हें पराली काटने के लिए मजदूर नहीं मिलते हैं। फसल हार्वेस्टर से कटवा लेते हैं, धान के अवशेषों का भूसा भी नहीं बनता है। लिहाजा मजदूरों से अवशेष कटवाना उनके लिए नुकसानदेय साबित होगा। इधर, प्रदूषण के बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए प्रशासन कड़ाई के मूड में है। सभी लेखपालों, राजस्व निरीक्षकों सहित स्वयं तहसीलदार राजेश कुमार विश्वकर्मा गांवों का दौरा कर रहे हैं। उन्होंने कैलिया में पराली को जलते हुए पाया। उन्होंने कहा कि किसान उदय वीर, सत्यवीर, तेजवीर उक्त गाटा संख्या के खातेदार है जिसमें धान की फसल बोई गई। कटाई के बाद अवशेषों में आग लगा दी गई। जिन पर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। पराली जलाने का मुकदमा
उरई : जालौन कोतवाली क्षेत्र के ग्राम हरदोई राजा में शिवनाथ ने रोक के बावजूद खेत में पड़ी पराली में आग लगा दी। लेखपाल सुधा अग्रवाल की तहरीर पर पुलिस ने लेखपाल के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। (जासं)