पुत्रों ने ही रस्सी से गला घोंटकर की थी पिता की हत्या
जागरण संवाददाता उरई आटा थाना क्षेत्र में अधेड़ की हत्या कर शव चमारी के जंगल में गाड़
जागरण संवाददाता, उरई : आटा थाना क्षेत्र में अधेड़ की हत्या कर शव चमारी के जंगल में गाड़ देने के मामले में सनसनीखेज सच सामने आया है। अधेड़ की हत्या किसी और ने नहीं उसके दो बेटों ने ही की थी। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपितों के पास हत्या में प्रयुक्त रस्सी व पिता का मोबाइल फोन बरामद कर लिया गया है। पुलिस के सामने दोनों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है।
चमारी के जंगल में 7 जनवरी को अधेड़ का शव मिला था। बाद में उसकी शिनाख्त कदौरा थाना क्षेत्र के गा्राम परौसा निवासी जगदीश कुशवाहा के रूप में हुई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पर्दाफाश हुआ कि गला घोंटकर उसकी हत्या की गई है। उसके पुत्र कपिल कुमार की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात के विरुद्ध हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। स्थानीय पुलिस के अलावा एसओजी को भी जांच में लगाया गया। जगदीश कुशवाहा सात जनवरी को मुकदमे की तारीख पर उरई आया था। उसके मोबाइल की लोकेशन व पुत्रों को मोबाइल की डिटेल से साफ हुआ कि दोनों पुत्र भी उस दिन उनके साथ थे, लिहाजा शक की सुई पुत्रों पर टिकी।दो पुत्रों नीरज कुशवाहा एवं मोहित को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और पूछताछ के बाद आरोपित टूट गए पिता की हत्या का गुनाह कबूल कर लिया । अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. अवधेश सिंह ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि जगदीश प्रसाद शराब का लती था और जुआ भी खेलता था। पुत्रों को यह भी संदेह था उसके संबंध किसी दूरी महिला से हैं। जिसकी वजह से पिता उसकी मां को मारता पीटता है। जमीन भी वह किसी को न दे दे इसलिये उन लोगों ने पिता की हत्या की साजिश रचते हुए उसे अंजाम दे दिया। आरोपतों के पास से पिता का मोबाइल फोन व हत्या में प्रयुक्त रस्सी बरामद की गई है। आरोपितों को पकड़ने वाली टीम में आटा थानाध्यक्ष सुनील सिंह, एसओजी प्रभारी प्रवीण यादव, केवी यादव, जगदीश चंद्र आदि शामिल थे। टीम को पांच हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।