Move to Jagran APP

झेलते हैं मरीज और तीमारदार

जासं,उरई : जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र यानी पीएचसी हों या फिर सामुदायि

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Oct 2018 11:44 PM (IST)Updated: Thu, 25 Oct 2018 11:44 PM (IST)
झेलते हैं मरीज और तीमारदार
झेलते हैं मरीज और तीमारदार

जासं,उरई : जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र यानी पीएचसी हों या फिर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, लचर व्यवस्था का शिकार मरीज और उनके तीमारदार होते हैं। कहीं पर चिकित्सकों के समय पर न पहुंचने कहीं सेवा में हीलाहवाली की खबरें आम हैं। अपना पल्ला छुड़ाने के लिए जिला अस्पताल रेफर किया जाना आम है। मुख्यालय के अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों व संसाधनों की कमी का दंश झेलना पड़ता है। कदौरा में हाल के पांच दिनों के अंदर दो ऐसी घटनाएं सामने आईं, जब अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश में किसी की जान से खिलवाड़ किया गया। प्रसूता को खून की कमी बताकर रेफर कर दिया गया। एंबुलेंस चंद कदम आगे बढ़ी भी नहीं थी कि उसी में प्रसव हो गया। यहां पर आए दिन इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप प्रकाश में आते रहते हैं। केवल एलोपैथिक ही नहीं बल्कि होम्योपैथिक चिकित्सालय का भी कुछ ऐसा ही हाल है। बात रामपुरा की हो या फिर कालपी की, कहीं पर चिकित्सक नहीं तो कहीं बीते पांच वर्षों से दवा की आपूर्ति का हो। अनदेखी मरीजों पर भारी पड़ रही है।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.