कहीं मुफलिसी तो नहीं बनी इलाज में रोड़ा
जागरण संवाददाता, उरई : माधौगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम अटागांव में दो मासूमों की मौत और मां सम
जागरण संवाददाता, उरई : माधौगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम अटागांव में दो मासूमों की मौत और मां समेत चार की गंभीर हालत कई सवाल खड़ा कर रही है। दो दिन पहले भोजन के बाद तबियत बिगड़ने के बावजूद इलाज के लिए किसी चिकित्सक के पास नहीं जाना और न ही सरकारी अस्पताल का रुख करना लोगों को ताज्जुब में डाले हैं। चर्चा है कि ईंट गारा कर मजदूरी करने वाला पिता कहीं गरीबी के चलते तो अपने दो जिगर के टुकड़े को मौत के मुंह में जाता देखने को विवश नहीं हुआ।
अटागांव निवासी संतोष कोरी के यहां सोमवार को भोजन बना था, जिसे खाने के बाद परिवारीजनों की तबियत बिगड़ने लगी। दो दिनों तक उल्टी और दस्त ने सभी को बेहाल कर दिया। इलाज के अभाव में बुधवार की सुबह दो बेटियों स्नेहलता और प्रियंका की मौत हो गई। जिसके बाद आसपास के लोगों को जानकारी हुई। घर पहुंचे पड़ोसी भी हालत देख सन्न रह गए। दो दिन से पूरा परिवार बीमार पड़ा था। शायद उसके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वे इलाज के लिए अस्पताल पहुंच पाते। दो बच्चियों की मौत सिर्फ इलाज के अभाव में हो गई। अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि क्या खाने से परिवार की हालत बिगड़ी है।
मजदूरी कर परिवार का पेट पालने वाला संतोष कोरी मुफलिसी के बेहद बुरे दौर से गुजर रहा है। अशंका जताई जा रही है कि पुराना तेल या फिर खराब आटा से बनी पूड़ी का सेवन कर लेने की वजह से पूरा परिवार फूड प्वाइज¨नग का शिकार हो गया। सबके जेहन में यह सवाल कौंध रहा है कि बीमार होने के बाद संतोष पत्नी व बच्चों को अस्पताल लेकर क्यों नहीं गया। यदि समय रहते उपचार मिल जाता तो मासूम बेटियों प्रियंका व स्नेहलता की जान बच जाती। ग्रामीणों के अनुसार संतोष के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वह अस्पताल पहुंचकर इलाज करा पाता। गांव वाले उसके घर नहीं गए होते तो शायद अन्य सदस्यों की भी जान चली गई होती।
हालांकि अभी तक चिकित्सक इसे फूड प्वाइज¨नग ही बता रहे हैं, पर पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मौत की वजह पता चलेगी।