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शक्ति पीठ रक्तदंतिका का एक करोड़ से होगा कायाकल्प

जागरण संवाददाता उरई जिले में पौराणिक महत्व के स्थलों की भी कोई कमी नहीं है। देवी के कई पीठ यहां पर स्थित हैं। जिनको जीर्णोद्धार की दरकार है। इनके सुंदरीकरण को लेकर दैनिक जागरण ने बीते वर्ष अक्टूबर माह में अभियान चलाया था। जिसमें धरोहरों की दुर्दशा को उकेरा गया था। इसके बाद इन स्थलों के रखरखाव की पहल शुरू की गई। बेतवा नदी के किनारे स्थित रक्तदंतिका पीठ का भी एक करोड़ से कायाकल्प होगा। कार्य का टेंडर भी हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 05:26 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jun 2021 05:26 PM (IST)
शक्ति पीठ रक्तदंतिका का एक करोड़ से होगा कायाकल्प
शक्ति पीठ रक्तदंतिका का एक करोड़ से होगा कायाकल्प

जागरण संवाददाता, उरई : जिले में पौराणिक महत्व के स्थलों की भी कोई कमी नहीं है। देवी के कई पीठ यहां पर स्थित हैं। जिनको जीर्णोद्धार की दरकार है। इनके सुंदरीकरण को लेकर दैनिक जागरण ने बीते वर्ष अक्टूबर माह में अभियान चलाया था। जिसमें धरोहरों की दुर्दशा को उकेरा गया था। इसके बाद इन स्थलों के रखरखाव की पहल शुरू की गई। बेतवा नदी के किनारे स्थित रक्तदंतिका पीठ का भी एक करोड़ से कायाकल्प होगा। कार्य का टेंडर भी हो गया है।

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पौराणिक महत्व की धरोहरों को बचाना जरूरी है लेकिन इनकी उपेक्षा लंबे समय से होती आ रही है। जिसको लेकर दैनिक जागरण ने मुखर पहल की शुरूआत करते हुए इस पर काम किया। जिसका नतीजा निकला कि जिला प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों तक की नींद टूटी और इस तरफ ध्यान देना शुरू किया गया। उरई विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत डकोर विकासखंड में ग्राम पंचायत सैदनगर में रक्तदंतिका पीठ स्थित है। यह लोगों की आस्था का केंद्र है। लोग बड़ी दूर-दूर से इस स्थान पर दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां का वातावरण भी बेहद सुरम्य है जो लोगों को बरबस अपनी तरफ खींचता है। बेहद प्राचीन पीठ है रक्तदंतिका

रक्तदंतिका मंदिर बेहद प्राचीन है। किवदंती है कि देवी के दांत यहां गिरे थे जिससे इसकी स्थापना शक्तिपीठ के रूप में हुई। दुर्गा सप्शती में इस स्थल का उल्लेख मिलता है। अब से ढाई दशक पहले तक यह माना जाता रहा है कि यहां पर तंत्र साधना के लिए लोग दूर दराज से आते थे। प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु देवी के दर्शनों के लिए मंदिर आते हैं। देवी का दरबार स्फटिक के पहाड़ पर बना हुआ है। मंदिर में दो शिलाएं रखी हैं जिनके विषय में कहा जाता है कि यह देवी के दांत हैं। इन शिलाओं को धुल भी दिया जाए तो कुछ देर फिर से रक्तिम हो जाती हैं। क्या कहते हैं लोग

- प्राचीन धरोहरों को सहेजने का कार्य बेहद अच्छा है। विधायक की पहल काफी अच्छी है। साथ ही दैनिक जागरण ने जो अभियान चलाया वह सराहनीय कहा जाएगा।

श्रवण कुमार द्विवेदी समाजसेवी - जिले में धरोहरों की कमी नहीं है। बस जरूरत है कि इनका संरक्षण किया जाए। इसके लिए दैनिक जागरण का प्रयास शानदार रहा है। अब उम्मीद है कि धरोहरों का रखरखाव होगा।

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रक्तदंतिका पीठ के लिए प्रस्ताव भेजा था जिसके तहत अभी एक करोड़ रुपये मिले हैं। सुंदरीकरण कार्य के लिए टेंडर डलवाए गए हैं। प्रयास रहेगा कि हर ऐतिहासिक धरोहर का कायाकल्प हो।

गौरीशंकर वर्मा सदर विधायक


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