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शत्रुघ्न के मनाने पर भी नहीं लौटे राम

संवाद सहयोगी, जालौन : रामलीला महोत्सव में केवट संवाद, दशरथ मरण तथा भरत मिलाप की लीला का म

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Oct 2018 11:11 PM (IST)Updated: Sat, 13 Oct 2018 11:11 PM (IST)
शत्रुघ्न के मनाने पर भी नहीं लौटे राम
शत्रुघ्न के मनाने पर भी नहीं लौटे राम

संवाद सहयोगी, जालौन : रामलीला महोत्सव में केवट संवाद, दशरथ मरण तथा भरत मिलाप की लीला का मंचन किया गया। जिसमें सबसे दर्शकों का आकर्षण का केंद्र राम-केवट संवाद रहा।

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रामलीला के दौरान राम-केवट संवाद में प्रभु राम को गंगा पार जाने के लिए नाव की जरूरत थी। तो वहीं केवट उनके चरणों को पखारने के लिए आतुर था। इसी संवाद में बैठे दर्शकों ने खूब आनंद उठाया। अंत में प्रभु राम केवट की जिद को स्वीकार कर अपने चरणों को स्पर्श करवाकर नाव से उस पार चले गए। इससे पूर्व प्रभु राम ने मंत्री सुमंत को वहीं से वापस भेज दिया। जब सुमंत के अकेले वापिस आने की सूचना जैसे ही राजा दशरथ को मिली, उसी समय उन्होंने अपने प्राणों का परित्याग कर दिया। जब यह समाचार भरत तथा शत्रुघ्न को भेजा गया, तो वह अपने ननिहाल से अयोध्या आए और अपने बड़े भाई श्रीराम को न देखकर दु:ख प्रककट करते हुए राम को मनाने के लिए चल दिए। रामलीला मंचन में केवट की भूमिका पं. रमेश द्विवेदी, विवेक मिश्रा, लक्ष्मण केके शुक्ला, निषादराज प्रयाग गुरू तथा सुमंत की भूमिका राजकुमार मिझौना ने निभाई।


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