चिकित्सा कर्मी न होने से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रहते बंद
संवाद सहयोगी जालौन ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने का दावा सरकारें लगातार करती
संवाद सहयोगी, जालौन : ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने का दावा सरकारें लगातार करती हैं लेकिन हकीकत इसके विपरीत है। ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति अच्छी नहीं है। चिकित्सालयों में स्टाफ की कमी के कारण इनका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र छिरिया सलेमपुर में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है। दूर-दूर के गांवों से आने वाले मरीजों को इन अव्यवस्थाओं के चलते परेशानी उठानी पड़ती है। अस्पताल में पूर्व में दो वार्डब्वाय की तैनाती थी जिसमें एक वार्डब्वाय की मौत हो गई है जबकि दूसरा सीएचसी में अटैच है। अस्पताल में तैनात एलटी को कोरोना ड्यूटी में लगा दिया है। ऐसे में पिछले छह-सात माह से अस्पताल में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। दूर-दराज से आने वाली महिलाओं एवं अन्य रोगियों की जांच एलटी के न होने से अस्पताल में नहीं हो पा रही है। इसके लिए मरीजों को प्राइवेट पैथोलॉजी लैब जाना पड़ता है। लोग जहां बचत करने की सोच रहे है वहीं, अस्पताल में स्टॉफ न होने से मरीजों और उनके तीमारदारों को अनावश्यक रूप से जांच आदि में रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। वार्डब्वाय के न होने से ड्रेसिग आदि में भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण मानसिंह पाल, गजेंद्र सिंह, कमलेश, प्रमोद प्रजापति, महावीर, शालिगराम ने बताया कि इस समस्या के संबंध में वह जिला प्रशासन को अवगत करा चुके हैं। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। चिकित्साधिकारी डॉ. आरके राजपूत ने बताया कि वह इस बाबत सीएमओ कार्यालय पर लिखित व मौखिक शिकायत कर एलटी व वार्डब्वाय की तैनाती के बारे में अवगत करा चुके हैं। जैसे ही कोई कर्मचारी आता है तो कार्य शुरू करा दिया जाएगा।