पोकलैंड चीरती नदी का सीना, असलहाधारी फैलाते दहशत
संवाद सूत्र, डकोर : विभागीय संरक्षण के चलते खनन माफिया किस कदर नियम कायदे ताक पर रखे है
संवाद सूत्र, डकोर : विभागीय संरक्षण के चलते खनन माफिया किस कदर नियम कायदे ताक पर रखे हैं, इसकी बानगी बंधौली कोलू खदना नंबर एक बताने को काफी है। खुलेआम कई पोकलैंड व जेसीबी से नदी का सीना चीरा जा रहा है। यह हाल तब है जब यहां पर खनन निदेशक की छापेमारी के दौरान बड़े पैमाने पर अनियमितता मिली थी। घाट की नाप करने वाले सर्वेयर को निलंबित कर दिया गया था। घाट पर कोई अनजान न पहुंच सके, इसके मद्देनजर असलहाधारी गुर्गे चारों ओर नजरें गड़ाए रहते हैं। रायफल और बंदूकों के साए में बेधड़क खनन जारी है।
सनद रहे कि कुछ समय पहले ही खनन निदेशक डा. रोशन जैकब ने जिले के घाटों पर छापेमारी की थी। बंधौली घाट पर बड़े पैमाने पर अनियमितता मिली थी। उन्होंने स्वीकृत पट्टे की पैमाइश गलत तरीके से करने पर सर्वेयर रामनाथ यादव को निलंबित करने का आदेश दिए थे। कार्य में लापरवाही पर खनिज अधिकारी से स्पष्टीकरण तलब किया गया था। उम्मीद थी कि निदेशक की छापेमारी के बाद अवैध खनन पर लगाम लगेगी, लेकिन धरातल पर काम पुराने ढर्रे पर ही जारी है।
बेखौफ खनन करने वाले घाट संचालकों के आगे जिम्मेदार किस कदर मौन साधे हुए हैं, इसकी बानगी रविवार को उस समय देखने को मिली, जब एसडीएम ने छापेमारी कर 15 ट्रकों का चालान किया, जिनमें कई के पास न तो कोई कागजात थे और मौरंग भी ओवरलोड लादे थे।
यह केवल सरकार को ही चूना नहीं लगा रहे हैं बल्कि ग्रामीणों को भी दहशत में लिए हैं। उनके खेत में लगी फसल को ओवरलोडेड ट्रकों व डंपर से रौंद दिया गया है। ग्रामीणों का आरोप यहां तक है कि अब खेतों में बने उनके घरों पर माफियाओं की नजर लगी है। विरोध करने पर धमकियां दी जाती हैं और शिकायतों को अधिकारी रद्दी की टोकरी में डाल देते हैं। नदी की धारा भी करते अवरुद्ध
ग्रामीण बताते हैं कि ट्रकों की आवाजाही के लिए नदी की धारा पर भी रोक लगा देते हैं। मौरंग व मिट्टी डालकर अवरोध खड़ा कर देते हैं। असलहाधारी लोगों की वजह से कोई विरोध में आवाज नहीं उठा पाता है। दबी जुबान से लोग कहते हैं कि पानी सिर से ऊपर जाएगा तो कभी भी बवाल हो सकता है।