मुसमरिया गांव में ट्रैक्टर से पानी ढो रहे लोग
संवाद सूत्र महेबा ब्लाक के सबसे अधिक आबादी वाले गांव मुसमरिया में लोग पेयजल संकट से त्राहिम
संवाद सूत्र, महेबा : ब्लाक के सबसे अधिक आबादी वाले गांव मुसमरिया में लोग पेयजल संकट से त्राहिमाम कर रहे हैं। टंकी के नलकूप की मोटर दस दिन से मोटर फुंकी पड़ी है, जिसकी वजह से गांव के लोग पानी के लिए परेशान हैं। हैंडपंपों का जल स्तर गिरने से ट्रैक्टरों से पानी ढोया जा रहा है।
मुसमरिया विकासखंड महेबा का सबसे बड़ा गांव है। जहां की आबादी 10000 से ऊपर है। मतदाताओं की संख्या 4500 पार कर चुकी है। इस गांव में डेढ़ दशक पहले पानी की टंकी का निर्माण कराया गया था। जिसके माध्यम से पूरे गांव में पानी की आपूर्ति होती है। जब भी विद्युत या अन्य खामियों के कारण आपूर्ति बंद हो जाती है तो यहां के ग्रामीणों को गांव में लगे हैंडपंपों से पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है। ग्रामीणों ने बताया की होली के त्योहार के पहले नलकूप की मोटर फुंक गई थी जो दस दिन बीत जाने के बावजूद भी ठीक नहीं कराई गई है। जिसकी वजह से पानी के लिए गांव में मारामारी मची हुई है। गांववाले ढोकर ला रहे पानी : ग्रामीणों ने बताया कि गांव में जो पहले के हैंडपंप स्थापित हैं उनका जलस्तर नीचे चला गया है। जिससे अधिकांश हैंडपंप खराब पड़े हैं। जिसकी वजह से पानी की आपूर्ति पूरी करने के लिए गांव के बाहर सिचाई के लिए लगे नलकूपों से ट्रैक्टरों के द्वारा पानी ढोकर काम चलाया जा रहा है। सबमर्सिबल पर जमा हो रही भीड़ : गांव में जिस हैंडपंप में सबमर्सिबल पंप पड़े हैं विद्युत आने पर जब वह चालू किए जाते हैं तो उन हैंडपंपों पर भीड़ जमा हो जाती है। पहले हम को लेकर विवाद होता है तथा पूरे दिन लोग पानी के लिए लाइन लगाए खड़े रहते हैं। त्योहार के पहले मोटर फुंक चुकी है। जिसे ठीक कराने का प्रयास किया गया। छुट्टी पड़ जाने से काम नहीं हो पाया। 24 घंटे के अंदर पंप चालू करा दिया जाएगा।
-सभापति यादव, अवर अभियंता जल संस्थान