जीएसटी वसूली के नाम पर लोगों की जेब हो रही ढीली
केस एक : जोल्हूपुर गांव के सर्वेश ¨सह ने टरननगंज बाजार की एक दुकान से कपड़े खरीदे। जिस
केस एक : जोल्हूपुर गांव के सर्वेश ¨सह ने टरननगंज बाजार की एक दुकान से कपड़े खरीदे। जिसमें उन्होंने जब शर्ट के दाम पूछे तो दुकानदार ने 430 रुपये बताए। जब प्राइस टैग देखा तो उसमें 400 रुपये पड़े थे। जिसके बारे में सर्वेश ने दुकानदार को बताया तो दुकानदार ने कहा कि 30 रुपये जीएसटी के अलग से है।
केस दो : छोटी अपने पति के साथ जूता मंडी में चप्पल खरीदने पहुंची। वहां पर उसने पसंद की चप्पल के रेट पूछे तो 220 रुपये दुकानदार ने बताए। चप्पल के रेटकार्ड पर 199 रुपये पड़े थे। यहां पर भी जीएसटी के नाम पर पैसे लिए गए।
केस तीन : इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदने आए रवींद्र ¨सह को भी जीएसटी के नाम पर मूल्य से 30 फीलद जीएसटी के नाम पर वसूले गए। ----------- संवाद सहयोगी, कालपी : ग्रामीण अंचलों से दीपावली के पर्व पर खरीदारी करने आए ग्रामीणों को जीएसटी के नाम पर दुकानदार जमकर लूट रहे हैं। अनपढ़ ग्रामीण बिना बिल के ही जीएसटी के दाम चुका रहे हैं। ---------------------
नगर की बर्तन की दुकानों पर भी जीएसटी के नाम पर ग्रामीणों को ठगा गया। अनपढ़ ग्रामीण को बर्तन खरीदने पर बिल भी नहीं दिए गए लेकिन जीएसटी के नाम पर लोगों को जमकर लूटा गया। धनतेरस की वजह से आज बाजार में रिकार्ड भीड़ रही। कई दुकानदारों ने मौके का जमकर फायदा उठाया।
बगैर जीएसटी के बिकती मिठाई
एक ओर जहां हाथ कागज उद्योग के व्यापारी बिजली का बिल भुगतान करते हैं। टैक्स अदा करते हुए माल खरीदते हैं तथा शत-प्रतिशत बिल बाउचर काटकर जीएसटी अदा करते हैं। वहीं नगर की मशहूर मिष्ठान के व्यापारी बिना खाता बही बिना बिलों के जीएसटी चोरी करने का फंडा चला रहे हैं। इससे व्यापार में असंतुलन पैदा होता है। आंकड़े बताते हैं कि मिठाइयों के व्यवसाय में जुड़े व्यापारी तथा दुकानदार लाखों रुपये महीने की जीएसटी चोरी करने में लिप्त बने हुए हैं।
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बोले जिम्मेदार
एसडीएम सुनील कुमार शुक्ला ने बताया कि जीएसटी के नाम पर वसूली का मामला संज्ञान में आया है। दुकानों पर छापा मारकर चे¨कग की जाएगी।