कुम्हारी कला के दिन बहुरे, 40 परिवारों को मिलेगी विद्युत चलित चाक
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संवाद सहयोगी, कोंच : कुम्हारी कला से जुड़े परिवारों को भारत सरकार समूह के माध्यम से उनका आर्थिक स्तर उठाने का कार्य कर रही है। जिसका जिम्मा खादी ग्रामोद्योग आयोग को सौंपा गया है। आयोग ने जिले के 40 लोगों को चिन्हित कर उन्हें विद्युत चलित चाक उपलब्ध कराने के लिए चयनित किया है। इन्हें समूह बनाकर प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसके बाद वह अपना व्यवसाय शुरू कर सकेंगे।
खादी ग्रामोद्योग आयोग ने मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हारी कला से जुड़े लोगों को लाभान्वित करने के लिए उन्हें मिट्टी के बर्तन के अलावा मिट्टी के सजावटी सामान खिलौने आदि तैयार करने के लिए प्रशिक्षण शिविर लगाने की योजना बनाई है। फिलहाल अभी 40 लोगों का चयन इस योजना के अंतर्गत किया गया है जिनका 10-10 लोगों के चार समूह गठित किए जाएंगे। प्रत्येक समूह के सदस्यों को सरकार 20 हजार रुपये की विद्युत चलित चाक देगी और एक मिट्टी गूथने वाली मशीन भी उपलब्ध कराएगी। एससी/एसटी को 10 प्रतिशत व ओबीसी और सामान्य को 20 प्रतिशत देनी होगी राशि :
खादी ग्रामोद्योग बोर्ड ने इस बार अपनी पॉल्सी में कुछ बदलाव किया है। पहले जितनी भी विद्युत चलित चाक कुम्हारों को दी गई वह पूर्णत: निश्शुल्क रही। इस बार आयोग ने अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों के लिए चाक के मूल्य की 10 प्रतिशत धनराशि 2047 तथा ओबीसी तथा सामान्य वर्ग के लिए 4094 की धनराशि निर्धारित की है। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले अंत्योदय राशन कार्ड धारक के व्यक्ति को विद्युत चलित चाक निश्शुल्क दी जाएगी। आयोग ने 40 चलित चाक तथा 4 मिट्टी गूथने वाली मशीनें नगर स्थित बुंदेलखंड खादी ग्रामोद्योग संस्थान के सचिव नरेश चन्द्र पटेल के कार्यालय पर भेज दी हैं।
10-10 लोगों का समूह बनाकर उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के उपरांत ही चाक का वितरण दिया जाएगा। समूह के माध्यम से सरकार विभाग भी मिट्टी के बर्तन जरूरत के अनुसार उनसे खरीदेंगे। यह लोग अपना उत्पाद बाजार में कहीं भी बेच सकेंगे। लाभार्थियों का चयन हो चुका है। जल्द ही समूहों का गठन कर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
ए के मिश्रा, सहायक निदेशक, खादी ग्रामोद्योग आयोग