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ओम नम: शिवाय- प्राचीन पातालेश्वर मंदिर

कालपी में किला घाट के ऊपर स्थित है पातालेश्वर महादेव का मंदिर। इसे महाभारत कालीन बताया जाता है। इस मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक है। यह मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र है। बड़ी संख्या में भक्त यहां दर्शन करने के लिए आते हैं। यमुना में स्नान करने के बाद लोग मंदिर में पूजा अर्चना करना नहीं भूलते।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 07:20 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 07:20 PM (IST)
ओम नम: शिवाय- प्राचीन पातालेश्वर मंदिर
ओम नम: शिवाय- प्राचीन पातालेश्वर मंदिर

कालपी में किला घाट के ऊपर स्थित है पातालेश्वर महादेव का मंदिर। इसे महाभारत कालीन बताया जाता है। इस मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक है। यह मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र है। बड़ी संख्या में भक्त यहां दर्शन करने के लिए आते हैं। यमुना में स्नान करने के बाद लोग मंदिर में पूजा अर्चना करना नहीं भूलते। इतिहास

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पातालेश्वर मंदिर लगभग दो हजार वर्ष पुराना बताया जाता है। इसको महाभारत काल से जोड़कर देखा जाता है। किवदंती है कि पांडवों ने अज्ञात वास के समय काफी समय यहां व्यतीत किया था और मंदिर में पूजा अर्चना करने का भी उल्लेख मिलता है। अति प्राचीन होने से इसकी महत्ता अधिक है। विशेषता

मंदिर अत्यंत प्राचीन शैली का बना हुआ है। इस मंदिर में भगवान भोलेनाथ लगभग आठ फिट नीचे गर्भ गृह में विराजमान हैं। इस शिवलिग को देखकर प्रतीत होता है कि वह पाताल में हैं तभी इसका नाम पातालेश्वर मंदिर पड़ गया। तैयारियां

सावन को लेकर मंदिर में कई दिन पहले साफ सफाई कराई गई थी। बाद में इसकी सजावट हुई। मंदिर में सुबह से ही दर्शन करने वालों का आना जाना शुरू हो जाता है जिसके चलते जल्दी ही भोलेनाथ का श्रंगार कर दिया जाता है ताकि भक्तों को किसी तरह की परेशानी न हो। कोट

यह मंदिर प्राचीन होने के साथ भक्तों की आस्था का प्रतीक है। पूरे वर्ष भर लोग यहां दर्शन करने के लिए आते हैं। जो लोग कालपी नगर आते हैं तो एक बार मंदिर जरूर आते हैं। मंदिर का वातावरण अत्यंत मोहक है।

शिवकांत पाठक, पुजारी पातालेश्वर मंदिर परिसर में नाग देवता का मंदिर भी है। लोग शिव की पूजा कर नाग देवता के मंदिर में जरूर जाते हैं। माना जाता है कि नाग देवता की पूजा करने से काल सर्प दोष से मुक्ति मिलती है।

अरविद यादव, सहायक कैसे पहुंचें मंदिर

कालपी नगर तक ट्रेन या बस से आसानी से पहुंचा जा सकता है। कानपुर नगर से कालपी की दूरी लगभग 75 किलोमीटर है। यहां पहुंचने के बाद पैदल ही पातालेश्वर महादेव के मंदिर पहुंच सकते हैं।


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