कहने को नो वेंडिंग जोन, सड़क किनारे खड़े होते ठेले वाले
सके बाद भी कोई ठेले वाला वहां नहीं गया। सभी ठेले वाले इन्हीं स्थानों पर खड़े होकर अपना व्यापार करते हैं। जिससे समस्या का निराकरण नहीं हो सका है। जिम्मेदारों को मालूम सब है लेकिन इस ओर ध्यान ही नहीं दिया जाता है। ----------------------------- बोले जिम्मेदार नगरपालिका इस समस्या को लेकर गंभीर है। ऐसे दुकानदार जिनके पास बैठने का कोई ठिकाना नहीं है उनको चिन्हित कर लिया गया है। नगरीय विकास अभिकरण के सहयोग से जल्दी ही इस समस्या को हल किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, उरई : शहर में पैदल राहगीरों का आवागमन सुगम हो। यातायात बाधित न हो और जाम की समस्या नहीं खड़ी हो, इसके लिए नगरपालिका ने नो वेंडिंग जोन तो बना दिए, लेकिन यह सिर्फ कहने भर के लिए हैं। हकीकत यह है कि ठेले वाले वहीं पर खड़े होकर फल व दूसरी सामग्री की बिक्री करते हैं। इससे पैदल चलने वालों को असुविधा होती है। लोग अपने वाहन फुटपाथ पर पार्क कर खरीदारी करना चाहें तो नहीं कर सकते हैं। जिम्मेदार सबकुछ जानते हुए भी अनजान बने हुए हैं।
शहर की मुख्य सड़क ट्रैफिक को देखते हुए कम चौड़ी है। फुटपाथ घेरकर खड़े होने वाले पैदल राहगीरों को भारी असुविधा होती है। आने वाले खरीदार मजबूरी में सड़क पर ही वाहन खड़े कर देते हैं। आए दिन होने वाली जाम की समस्या को देखते हुए नगरपालिका ने गत वर्ष शहर में शहीद भगत सिंह चौराहा, मुख्य बाजार, माहिल तालाब के पास, दांतरे होटल के सामने सहित पांच स्थानों को नो वेंडिंग जोन घोषित कर दिया था। ठेले वालों को कहा गया था कि वे अपने ठेले राठ रोड पर ओवरब्रिज के नीचे लगा सकते हैं। इसके बाद भी कोई ठेले वाला वहां से नहीं हटा। इससे समस्या का निराकरण नहीं हो सका है। जिम्मेदारों को मालूम सब है लेकिन इस ओर ध्यान ही नहीं दिया जाता है। नगरपालिका इस समस्या को लेकर गंभीर है। ऐसे दुकानदार जिनके पास बैठने का कोई ठिकाना नहीं है उनको चिह्नित कर लिया गया है। नगरीय विकास अभिकरण के सहयोग से जल्दी ही इस समस्या को हल किया जाएगा। ठेले वाले और अस्थाई दुकानदारों के लिए जगह मुहैया कराने की पहल हो रही है।
संजय कुमार, अधिशाषी अधिकारी नगरपालिका