कुपोषित बच्चों को प्रभावी इलाज से मिला नया जीवन
जागरण संवाददाता, उरई : जिला अस्पताल में बने पोषण पुनर्वास केंद्र में कुपोषित बच्चों को नया जीवन
जागरण संवाददाता, उरई : जिला अस्पताल में बने पोषण पुनर्वास केंद्र में कुपोषित बच्चों को नया जीवन मिल रहा है। इस वार्ड में कुपोषित बच्चों को प्रारंभिक रूप से 14 दिन भर्ती कर डॉक्टरों की टीम इलाज करती है। अब तक यहां पांच सौ से ज्यादा बच्चों को नया जीवन मिल चुका है।
जिला अस्पताल में एक अप्रैल 2016 को पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) खोला गया था। दस बेड वाले वातानुकूलित इस केंद्र में रोजाना कुपोषित बच्चे आते है। केंद्र की प्रभारी डॉ. पूजा श्रीवास्तव ने बताया कि इस केंद्र में छह माह से पांच साल तक के कुपोषित बच्चे रखे जाते हैं। शुरुआती दौर में 14 दिन रखकर बच्चों का इलाज व पोषक तत्वों से युक्त आहार दिया जाता है। बच्चों के लिए स्पेशल डाइट तैयार की जाती है। यह भोजन शुरुआती दौर में बच्चे को दो-दो घंटे बाद दिया जाता है। यह प्रक्रिया रात में भी चलती है। इसके अलावा साथ आने वाली बच्चे की मां या अन्य परिजन को भोजन के अलावा पचास रुपये रोजाना भत्ता भी दिया जाता है। इलाज भत्ता देने का भी प्रावधान
उन्होंने बताया कि इलाज कराकर गए बच्चों के परिजन द्वारा फालोअप के लिए लेकर आने पर भी भत्ता दिया जाता है। यदि वह 15 दिन में इलाज का अपडेट कराने आते है तो उन्हें 140 रुपये मिलते है। यह भत्ता उन्हें दो महीने तक मिलता है। स्टाफ नर्स प्रतीक्षा शर्मा न्यूट्रीशयन, ¨पकी राजपूत व कुक ममता अपनी जिम्मेदारी निभाती है और बच्चों की देखभाल करती है। समय समय पर विशेषज्ञ चिकित्सक भी आकर बच्चों को देखते हैं। इस साल अप्रैल से दिसंबर तक 218 बच्चों को देखा जा चुका है। स्वस्थ्य हुईं अति कुपोषित बच्चियां
रामपुरा ब्लाक की सीडीपीओ सीमा निगम ने बताया कि जाजेपुरा गांव की तीन साल की रानी और साढ़े तीन साल की राधिका अति कुपोषण की श्रेणी में थी। जिनको एनआरसी केंद्र में भर्ती कराया गया है। उन्होंने सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को निर्देश दिया है कि वह अपने क्षेत्र पर कुपोषित बच्चों पर नजर रखे साथ ही कोई बच्चा कुपोषित मिले तो तत्काल उन्हें एनआरसी केंद्र में भर्ती कराएं। 12 दिन में बढ़ा वजन
एनआरसी वार्ड में 6 फरवरी को नुनायचा निवासी रविकांत ने अपनी 9 माह की बच्ची गुलशन को भर्ती कराया था । उसने बताया कि गुलशन का वजन कम होने पर उसे यहां भर्ती किया गया है। भर्ती के समय उसका वजन लगभग 4 किग्रा था, लेकिन 12 दिन यहां पर रहने पर उसका वजन बढ़कर लगभग 5 किग्रा हो गया।