कागजों में खर्च हो गई राशि, सड़कों पर घूमते अन्ना जानवर
सामाजिक समरसता दिवस के रूप में मनाया गया जिला कांग्रेसियों द्वारा अनुज मिश्रा जिलाध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी- जालौन के नेतृत्व में कांग्रेसजानो ने गांधी चबूतरे पर
संवाद सहयोगी, माधौगढ़ : अन्ना जानवरों से किसानों को राहत देने के लिए हर तरह के जतन किए गए। पानी की तरह रुपये बहाए गए। यही राशि कुछ लोगों के लिए कमाई का जरिया बन गई। योजना को कामधेनु की तरह दुहा गया। कुछ ऐसा ही नजारा गढि़या गांव में नजर आता है। बड़ी राशि खर्च कर कागजों में अस्थाई गोशाला बना दी। हकीकत में फटा तिरपाल ही नजर आता है। न तो चारा-पानी की व्यवस्था और न ही कोई टिनशेड ही नजर आता है। नतीजा, छुट्टा मवेशी गांव के आसपास और सड़कों पर घूमते नजर आते हैं। ग्रामीणों के बीच राशि का बंदरबांट किए जाने की चर्चा शुरू हो गई है। किसानों के निशाने पर प्रधान और सचिव हैं।
ग्राम गढि़या में प्रधान व सचिव द्वारा किसानों को अन्ना पशुओं से निजात दिलाने के लिए गोशाला निर्माण कराया गया है। गोशाला में केवल फटा तिरपाल लगाया गया है। टिनशेड से लेकर अन्य कोई व्यवस्था नजर नहीं आती है। यही वजह है कि आज तक कोई भी अन्ना पशु गोशाला के अंदर नहीं बांधा गया है। इससे अन्ना मवेशी सड़कों पर या गांव के बाहर घूमते नजर आते हैं। ग्रामीण अवधेश श्रीवास्तव, सोनू कुशवाहा, सुरेश, राजू गुप्ता आदि का कहना है कि प्रधान व सचिव की मिलीभगत से गोशाला के नाम पर छलावा किया जा रहा है। अन्ना पशुओं की वजह से दिन रात रखवाली करनी पड़ रही है।
उधर, एडीओ पंचायत छेदालाल का कहना है कि जांच कर कार्रवाई की जाएगी।