मिडडे मील के रसोइयों को दो माह से मानदेय का इंतजार
सख्ती के साथ कंटेनमेंट एरिया में बंद कराई गई दुक
जागरण संवाददाता, उरई : लॉकडाउन के दौरान सभी कुछ बंद रहने की वजह से हर किसी पर प्रभाव पड़ा है। मिडडे मील पकाने वाली रसोइयां भी इससे अछूती नहीं है। मगर इस दौरान उनको दो माह से मानदेय ही नहीं दिया गया है, जबकि समय से इनको मानदेय मिल जाना चाहिए था ताकि वे भी अपनी गृहस्थी का संचालन कर पाती।
जनपद में सहायता प्राप्त मिलाकर 1264 प्राथमिक व 661 जूनियर स्कूल हैं। इनमें अध्ययनरत बच्चों को दोपहर का भोजन बनाने के लिए 3928 रसोइयां रखी गई हैं। लॉकडाउन के दौरान सरकारी कर्मचारियों को वेतन व अन्य लोगों को किसी न किसी तरह से सहायता पहुंचाई गई मगर इन रसोइयों की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया। जबकि अप्रैल और मई माह का मानदेय अब तक इनको नहीं मिल सका है। प्रति रसोइया को 1500 रुपये मानदेय के हिसाब से कुल 1.17 करोड़ रुपये का भुगतान होना है।
रसोइयां इंतजार में है कि कब मानदेय आए और उनका काम चले। इसी आस में 3928 रसोइयां बाट जोह रही हैं। हालांकि उम्मीद की जा रही है कि एक सप्ताह के अंदर मानदेय आ जाएगा। जिसको तुरंत खाते में देने की व्यवस्था की जाएगी। फिलहाल रसोइयों के पास इंतजार के अलावा कोई चारा नहीं है।
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जिले में स्कूलों की संख्या एडेड सहित
1264 प्राथमिक
661 जूनियर
-- मिड डे मील के रसोइयों के मानदेय के लिए पहले ही डिमांड शासन को भेजी जा चुकी है। उम्मीद है कि इस सप्ताह मानदेय प्राप्त हो जाएगा। धनराशि आते ही सभी के खातों में भेज दी जाएगी।
- प्रेमचंद्र यादव, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी