Lumpy skin disease virus: गोपालकों के लिए राहत भरी खबर, लंपी से 9 गोवंशी स्वस्थ; 1215 में संभावित लक्षण
जिले में कोंच जालौन रामपुरा व नदीगांव क्षेत्र में लंपी स्किन डिसीज से वायरस से ग्रसित 29 गोवंशी मिले थे। जिनका पशु चिकित्सा विभाग ने तेजी से इलाज शुरू कर दिया था और उनकी अन्य जानवरों से अलग रखा गया था।
जालौन,जागरण संवाददाता। जिले में भी इस समय लंपी स्किन डिसीज के पशुओं की संख्या 21 है जबकि 9 गोवंशी इस वायरस से स्वस्थ्य हो चुके हैं। पशु चिकित्सा विभाग वैक्सीन तेजी से लगा रहा है जिसमें गोशालाओं में रहने वाले गोवंशी को प्राथमिकता दी जा रही है। साथ ही जिन पशुओं में जरा भी इस वायरस के लक्षण दिखाई देते हैं तो उन्हें अस्थायी गोशाला में भेज दिया जाता है। 6 सेंटरों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।
जिले में कोंच, जालौन, रामपुरा व नदीगांव क्षेत्र में लंपी स्किन डिसीज से वायरस से ग्रसित 29 गोवंशी मिले थे। जिनका पशु चिकित्सा विभाग ने तेजी से इलाज शुरू कर दिया था और उनकी अन्य जानवरों से अलग रखा गया था। जिसमें सबसे अधिक गोवंशी जालौन ब्लाक के ग्राम गधेला में 18 मिले थे। लगातार चिकित्सकों की टीम के प्रयास से 9 गोवंशी अब स्वस्थ हो चुके हैं। पूरे जिले में अभी भी 21 गोवंशी का इलाज चल रहा है। गोवंशी को लगाने के लिए जिले में अब तक 40 हजार वैक्सीन मंगाई जा चुकी हैं।
16 टीमें रख रही नजर
वैक्सीन लगाने के लिए अभी तक 16 टीमें थीं, लेकिन अब हर सेंटर पर टीमों को बनाया गया है। जिससे वह पास की गोशाला में जाकर गोवंशी को वैक्सीन लगाएंगी। इससे वैक्सीन का कार्य जल्दी पूर्ण कर लिया जाएगा। जिले में लंपी स्किन डिसीज का वायरस फैल रहा है। पशु चिकित्सा विभाग की टीम ने अभी तक जिले भर में 1215 गोवंशी को संदिग्ध मानते हुए उनका इलाज भी शुरू कर दिया है।
700 गोवंश का हो चुका है वैक्सीनेशन
इन जानवरों को अस्थायी गोशाला में रखा जा रहा है। जिससे दूसरे गोवंशियों में यह वायरस फैलने से रोका जा सके। 18700 को लगी वैक्सीन गोवंशी को वैक्सीन लगाने का काम तेजी से चल रहा है। इसके लिए सभी टीमों को कड़े निर्देश हैं कि गोशाला के साथ गांवों में तेजी से गोवंश को वैक्सीन लगाई जाए। शुक्रवार तक पूरे जिले में 18 हजार 700 गोवंशी का वैक्सीनेशन हो चुका है।
लंपी स्किन रोग एक संक्रामक रोग है जो वायरस की वजह से तेजी से फैलता है। कमजोर इम्यूनिटी वाली गोवंशी को खासतौर पर प्रभावित करता है। इस रोग का कोई ठोस इलाज न होने के चलते सिर्फ वैक्सीन के द्वारा ही इस रोग पर नियंत्रण और रोकथाम की जा सकती है। टीमें लगातार इस पर काम कर रही हैं।-हरेंद्र सिंह, सीवीओ