कालपी की सड़कों पर कूड़े के ढेर
संवाद सहयोगी कालपी देश भर में स्वच्छता अभियान को लेकर अलख जगाई जा रही है। इसके विपरीत
संवाद सहयोगी, कालपी : देश भर में स्वच्छता अभियान को लेकर अलख जगाई जा रही है। इसके विपरीत कालपी क्षेत्र में अधिकारी इस अभियान को ही ठेंगा दिखा रहे हैं। लापरवाही और निष्क्रियता से क्षेत्र की प्रमुख सड़कों पर कूड़े के ढेर लग चुके हैं। इसका सबसे बड़ा कारण डंपिंग ग्राउंड का न होना है।
ऐतिहासिक नगरी कालपी में लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद हालात में सुधार नहीं हो रहा है। नगर में प्रवेश करते ही सबसे पहले गंदगी से दो-चार होना पड़ता है। कई जगह को आधी सड़क तक गंदगी फैली है। आलमपुर तिराहा, यमुना के दोनों ब्रिज का क्षेत्र, स्टेशन, टरननगंज रोड सहित सभी क्षेत्रों की स्थिति बदहाल है। पालिका कर्मी नगर के 25 वार्डो से कूड़ा उठाते हैं लेकिन शहर के बीचो-बीच आकर सड़कों पर ही फेंक देते हैं। पालिका प्रशासन को कई बार इस समस्या के बारे में बताया गया, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
52 हजार आबादी, 120 सफाईकर्मी : नगर की आबादी तकरीबन 52 हजार हैं। यहां 120 सफाईकर्मी तैनात हैं। इनके वेतन पर हर माह 50 लाख रुपये खर्च किए जाते हैं। इसके बावजूद शहर में गंदगी होना पालिका की मंशा और सफाईकर्मियों की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न लगाती है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले में एक करोड़ रुपये की लागत से दस सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालय बनवाए भी गए, लेकिन कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था आज तक नहीं की गई।
गंदगी रोगों की जननी : सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुंदर सिंह ने बताया कि गंदगी से रोग पनपते हैं। संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए साफ-सफाई पर लोगों को विशेष ध्यान देना चाहिए। शहर में जगह-जगह कूड़ा फेंके जाने की समस्या है। इससे निजात के लिए डंपिंग ग्राउंड बनाए जाने का प्रस्ताव भेजा गया है। बजट जारी होते ही काम शुरू कर दिया जाएगा। -सुशील कुमार, ईओ