मोहन मंत्रः सबको सुनो-देखो मगर बोलने की आदत कम करो
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने स्वयंसेवकों से कहा कि बुराई पर कम, अच्छाई पर ज्यादा ध्यान दो। सबको सुनो-देखो, मगर बोलने की आदत कम करो।
जालौन (जेएनएन)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने रविवार को वर्ग प्रशिक्षण के दौरान स्वयंसेवकों को अनुशासन का पाठ पढ़ाया। कहा कि बुराई पर कम, अच्छाई पर ज्यादा ध्यान दो। सबको सुनो-देखो, मगर बोलने की आदत को कम करो। किसी को कठोर वचन मत बोलो। उल्लेखनीय है कि शनिवार को आरएसएस प्रमुख ने इशारों-इशारों में 2019 के महासमर में भगवा ध्वज फिर फहराए जाने का गुरुमंत्र दिया था। दरअसल उन्होंने स्वयंसेवकों को वही मंत्र दिया भाजपा जिस पर चलकर चुनावी महासमर में संभावित सपा-बसपा गठबंधन के वर्चस्व को तोड़ने की कोशिश कर रही है।
काम वही जिससे समाज कल्याण हो
भागवत ने कहा कि सभी को संगठन से जोडऩे का लक्ष्य स्वयंसेवकों को निर्धारित करना है। जितने लोग संगठन से जुड़ते जाएंगे, उतना ही संघ मजबूत होगा। हमें अपने कार्य पर ध्यान देना है। बुराई की तरफ नहीं जाना है। वे काम करने हैं, जिससे देश और समाज का कल्याण हो सके। भागवत ने आह्वान किया कि स्वयंसेवक संगठन की मजबूती के लिए कमर कस कर जुट जाएं। कहा कि समाज में बुराइयां देखने वाले अधिक हैं, अच्छाई देखने वाले कम। स्वयंसेवकों को फिजूल की बातों से बचकर अपने लक्ष्य पर ध्यान देना चाहिए। हमें अच्छे लोगों को जोडऩा है। यह भी कोशिश करना है कि बुराई को खत्म किया जा सके। दोपहर बाद भागवत प्रस्थान कर गए।
संकेतों में मिशन 2019 के लिए गुरुमंत्र
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत शनिवार को कानपुर के अल्प प्रवास में मिशन 2019 के महासमर में भगवा ध्वज फिर कैसे फहरेगा, इशारों में इसका गुरुमंत्र दिए थे। स्वयंसेवकों को अनुसूचित जाति वर्ग से प्रेम की वही नीति समझाई जिस पर वर्तमान में भाजपा की चुनावी रणनीति चल रही है। संघ सूत्रों के मुताबिक मोहन भागवत ने लोकसभा चुनाव या किसी अन्य विषय पर तो बातचीत नहीं की मगर स्वयंसेवकों से इतना जरूर कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग की बस्तियों में अपनी सक्रियता बढ़ाएं और नाता गहरा करें। इसके अलावा वर्तमान में चल रहे क्रियाकलापों की जानकारी ली और विस्तार पर जोर दिया।