खेती के लिए वरदान साबित हो रही हल्की बारिश
जागरण टीम उरई मौसम में बदलाव के बाद सोमवार को हुई हल्की बारिश से शहर में भले ह
जागरण टीम, उरई : मौसम में बदलाव के बाद सोमवार को हुई हल्की बारिश से शहर में भले ही सिर्फ सर्दी बढ़ने का अंदाजा भर लोगों ने लगाया है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में किसानों के लिए यह बारिश वरदान से कम नहीं है। किसानों के चेहरों पर खुशी झलक उठी है। अगर अच्छी बारिश हो गई तो मटर, मसूर, सरसों, गेहूं, जौ, चना सभी फसलों को फायदा होगा।
पिछले कई दिनों तक लोगों को कड़ाके की सर्दी का सामना करना पड़ा। इधर दो तीन दिनों तक कुछ राहत रही। रविवार से मौसम में बदलाव होना शुरू हो गया। सोमवार को हल्की बारिश हुई जिससे शहर के लोगों में सिर्फ सर्दी बढ़ने का अहसास हुआ लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के लिए यह बेहद सुखद रहा। किसानों को बादल छाए होने से काफी खुशी हुई। महेबा, बैरई, हरकूपर, सरसेला, शाहजहांपुर, नियामतपुर, दमरस, गोरा कला, हथनौरा, चुर्खी आदि गांवों के किसानों ने बताया कि सोमवार की रात में हल्की बूंदाबांदी होने से मटर, मसूर, गेहूं, सरसों, जौ, चना आदि सभी फसलों को हल्का फुल्का फायदा पहुंचा है। इस बूंदाबांदी से असिचित क्षेत्र की फसलों को लाभ मिलेगा। जो पौधे पानी के अभाव में मुरझा रहे थे उन्हें पोषक तत्व मिल जाने से किसानों के मुरझाए चेहरों पर मुस्कान आ गई है। अभी भी किसान अच्छी बारिश की उम्मीद लगाए बैठे हैं। वह आसमान पर छाए बादलों की ओर निहार कर आपस में चर्चा कर रहे हैं कि अच्छी बारिश हो जाए तो फसल के लिए यह पानी अमृत का काम करेगा। एक तो फसल का विकास होगा दूसरी ओर फूल और फलियां तेजी से निकलेंगी जिससे पैदावार में बढ़ोतरी के आसार बढ़ जाएंगे। इसके साथ ही किसानों की हजारों रुपए की सिचाई बच जाएगी।
बोले किसान
बादल छाए होने से अच्छी बारिश की उम्मीद थी लेकिन रात में हल्की बूंदाबांदी से ही पौधों की जड़ों को काफी फायदा हुआ है जिससे किसान खुश हैं।
भानु प्रताप, लौना
जब से आसमान पर बादल छाए हैं तब से क्षेत्र के किसानों के मुरझाए चेहरे खिल उठे हैं। भले ही रात में हल्की बूंदाबांदी हुई है लेकिन अभी अच्छी बारिश हो जाए तो फसल लहलहाने लगेगी।
शिवशंकर, दमरास रिमझिम बारिश फसलों के लिए लाभकारी रहती है। यह पानी पौधों की जड़ों तक पहुंचता है जिससे फसल को फायदा होता है। तेज बारिश का पानी बहकर निकल जाता है या फिर खेतों में भर जाता है। इस हल्की बारिश से फसलों को फायदा मिलेगा।
- राजीव कुमार सिंह, अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र