हिट एंड रन मामले में बैकफुट पर कोतवाली पुलिस
बड़े घरों के चिरागों को बचाने के लिए अभिभावकों ने जोड़जुगाड़ की कोशिश शुरू कर दी। कुछ शातिर इसमें लगे और बात तय होने के बाद ऐसे चालक की तलाश शुरू हुई जिसे पेश कर नशेबाजों को बचाया जा सके। काफी कुछ सफलता भी हाथ लगी और रातों रात पकड़े गए तीनों युवकों को निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया। इधर सोशल मीडिया में पूरी घटना उजागर होने लगी। जागरण में प्रमुखता से खबर प्रकाशित हुई।
जागरण संवाददाता, उरई : अजनारी रोड पर शनिवार देर शाम सड़क किनारे बाइक खड़ी कर फल खरीद रहे पंचायत मित्र को टक्कर मारने वाली गाड़ी कोई और नहीं नाबालिग ही चला रहा था। देर रात सेटिग का दौर चलता रहा और गाड़ी पर सवार नशेबाज सात लोगों के अभिभावक एक ऐसे चालक की तलाश करते रहे, जिसे पुलिस के सामने पेश किया जा सके। 'दैनिक जागरण' में सोमवार के अंक में प्रमुखता से खबर प्रकाशित होने के बाद कोतवाली पुलिस बैकफुट पर नजर आई। हादसे के बाद देर रात निजी मुचलके पर छोड़े गए तीन युवकों में वह किशोर भी शामिल था, जो नशे के बाद लहराकर स्कार्पियो चला रहा था। काली टीशर्ट पहने किशोर की पहचान सोशल मीडिया और सीसीटीवी फुटेज से उजागर हो गई। कोतवाल शिवगोपाल सिंह का कहना है कि नाबालिग के गाड़ी चलाने की पुष्टि हुई है, उसी के खिलाफ केस दर्ज किया गया।
चाचा बोले, मुझे चाहिए न्याय
दिवंगत के चाचा भीमनारायण ने बताया कि हादसे के बाद वह लोग प्रदीप को लेकर झांसी चले गए। अगले दिन लौटे तब कोतवाली से पता चला कि तीनों को निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया है। मौके पर लोगों ने बताया था कि तीन को पकड़ लिया गया। बाद में चालक के खिलाफ तहरीर दी। मेरे भतीजे की मौत के बाद उसके दो बच्चे और बहू का बुरा हाल है। गाड़ी मालिक और टक्कर मारने के दोषी को सजा होने पर ही मुझे न्याय मिलेगा।