कालपी को बस स्टैंड की दरकार, भटकते हैं यात्री
संवाद सहयोगी कालपी ऐतिहासिक नगरी को एक अदद बस स्टैंड की दरकार है। कई जिलों के लि
संवाद सहयोगी, कालपी : ऐतिहासिक नगरी को एक अदद बस स्टैंड की दरकार है। कई जिलों के लिए यहां से लोग वाहन पकड़ते हैं लेकिन इंतजार करने के लिए कोई ठौर नहीं है। जाड़ा, गर्मी और बरसात में आसपास की दुकानें ही शरणस्थली बनती हैं। शासन-प्रशासन के साथ ही जन प्रतिनिधियों ने भी इस ओर कभी कोई ध्यान नहीं दिया। नतीजा, हर मौसम में यात्री इधर-उधर भटकते रहते हैं।
नगर से कानपुर-झांसी राष्ट्रीय राजमार्ग ही नहीं, बल्कि हमीरपुर, मदारीपुर राज्य मार्ग के लिए बसें चलती हैं परंतु इनके लिए कोई निश्चित स्थान नहीं है। जहां यात्री दिखे वहीं वाहन रोके जाते हैं। यह भी चालक की मर्जी पर निर्भर रहता है।
एक स्कूल में खुला था कार्यालय : इलाकाई अमिताभ पुरवार बताते हैं कि वर्ष 1972 में आलमपुर मुहल्ले में स्थित विद्यालय के एक कमरे में रोडवेज बस स्टैंड का कार्यालय खोला गया था। वर्ष 1999 में विद्यालय ने इस कमरे को खाली करा लिया तो उसके बाद यह सुविधा बंद हो गई। यहां के कर्मचारी उरई कार्यालय से संबद्ध कर दिए गए। यहां के यात्रियों को हर मौसम में बसों का इंतजार खुले में खड़े होकर करना पड़ता है। यात्रियों के लिए कोई प्रतीक्षालय तक नहीं है।
बड़ी संख्या रहती है यात्रियों की : परमानंद यादव का कहना है कि कालपी से दिल्ली, लखनऊ, कानपुर, झांसी, वाराणसी, इलाहाबाद, ललितपुर समेत अन्य दूरस्थ स्थानों के लिए बसें जाती हैं। इनमें आने जाने वाले लोगों की संख्या भी कम नहीं है फिर भी परिवहन निगम इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। शिशु यादव का कहना है कि इस ऐतिहासिक नगरी में बस सुविधा की खराब हालत है। यात्रियों, पर्यटकों को यहां से बसें न मिलने से खासी परेशानी होती है। राकेश पुरवार ने बताया कि हमीरपुर मदारीपुर परासन रूट पर चलने वाली निजी बसों का संचालन कालपी से होता था, परंतु अब इन बसों के लिए ठहराव का स्थल नहीं है।
फुलपावर चौराहे पर खड़े होते लोग : नगर के फुलपावर चौराहे पर हाईवे के किनारे ही लोगों को खड़े होकर वाहनों का इंतजार करना पड़ता है। कई बार बस स्टैंड बनवाने के लिए ज्ञापन दिए गए, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई।
वहीं इस संबंध में एसडीएम सुनील शुक्ला ने बताया कि बस स्टैंड के लिए जल्द ही व्यवस्था की जाएगी। जिससे यहां के यात्रियों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो।