ओवरलोडिंग रोकने में विफल प्रशासन, क्षमता से अधिक मौरंग भरकर यातायात अभियान को ठेंगा दिखा रहे माफिया
जालौन में जिला प्रशासन ओवरलोडिंग रोकने में विफल रहा है, जिससे सड़कें क्षतिग्रस्त हो रही हैं। यातायात सुरक्षा माह के बावजूद मौरंग माफिया पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। ओवरलोडिंग के कारण आटा-इटौरा मार्ग पर जाम लग रहा है और एक महिला की मौत भी हो गई। क्षमता से अधिक माल लादे जाने से सड़कें खराब हो रही हैं, और प्रशासन की ढिलाई से स्थिति गंभीर बनी हुई है।

जागरण संवाददाता, जालौन। प्रदेश सरकार के कड़े निर्देश के बावजूद ओवरलोडिंग पर जिला प्रशासन लगाम लगाने में असफल नजर आ रहा है। जिससे की जिले भर में मौरंग से भरे वाहन ओवरलोडिंग करके फर्राटा भर रहे हैं। जिससे लिंक रोड और हाईवे तक की सड़कें क्षतिग्रस्त हो रही हैं।
यह हालात तब हैं जब जनपद में यातायात सुरक्षा माह बड़े जोरशोर से चल रहा है। रैली से लेकर स्कूलों तक में जागरूकता अभियान चल रहा है लेकिन सड़क पर ओवरलोडिंग करने वाले मौरंग माफिया पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
इन वाहनों की वजह से ही आटा-इटौरा मार्ग पर इस समय प्रतिदिन जाम लग रहा है। 25 करोड़ से नई बन रही सड़क अभी से टूटने लगी है। ओवरलोडिंग की वजह से ही गुरुवार को इटौरा मार्ग पर एक महिला की डंपर से कुचल कर मौत भी हो गई थी।
जोल्हूपुर-हमीरपुर मार्ग में रेलवे लाइन पर बने पुल की मरम्मत का कार्य प्रारंभ होने के कारण जिला प्रशासन ने वैकल्पिक मार्ग के रूप में आटा इटौरा मार्ग पर वाहन संचालन की अनुमति प्रदान कर दी। जिसके बाद लगातार ओवरलोड वाहन निकल रहे हैं।
10 चक्का ट्रक 18 टन मौरंग पासिंग हैं लेकिन उसमें 25 टन माल लोड हो रहा है। 12 चक्का में 22 टन पासिंग हैं। लेकिन माल 30 टन तक भर रहा है। इसी प्रकार 14 चक्का में 26 टन पासिंग है। लेकिन 36 टन 16 चक्का में 33 टन पासिंग है।
इसमें 60 टन तक माल लदा जा रहा है। और ओवरलोड वाहन का संचालन होने के कारण सुबह शाम जाम की स्थिति बन जा रही है। जिससे कि ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। फिर भी प्रशासन कार्रवाई करने के लिए ठोस कदम नहीं उठा रहा है।
जिससे कि मौरंग माफिया सड़कों पर मनमानी करते नजर आ रहे हैं। कुछ गाड़ी मालिकों ने बताया कि घाट प्रारंभ होने के कारण अधिकारियों से ओवरलोड बंद करने की गुहार लगाई थी लेकिन कोई ठोस कदम न उठाने के कारण जिले में लगातार मौरंग भरे ओवरलोड वाहन गुजर रहे हैं।
जब भी आटा-इटौरा मार्ग पर जाम में ओवरलोड वाहन फंस जाते हैं तो कार चालकों से मौरंग वाहन चालक दबंगई करने लगते हैं। जिससे छोटे वाहन वालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
ओवरलोड वाहनों से सड़कें हो रहीं खराब-
लगातार ओवरलोड वाहनों के चलने का असर जिले की सड़कों पर पड़ रहा है। काशीखेड़ा, चंडौत मार्ग , आटा इटौरा मार्ग व हाईवे ओवरलोड वाहनों से बर्बाद हो रही है। आटा इटौरा मार्ग 2015 में बनी थी लेकिन उस पर ओवरलोड वाहन चलने से सड़क पूरी तरह से टूट गई थी। जिसके बाद अब 20 करोड़ 44 लाख की लागत से करीब 5.5 मीटर मार्ग का चौड़ीकरण कर 10 किलोमीटर सड़क का निर्माण हो रहा है। रोड अभी से टूटने लगी है।
-एआरटीओ राजेश कुमार ने बताया कि ओवरलोडिंग के खिलाफ लगातार अभियान चल रहा है, कार्रवाई भी हो रही है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।