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मवेशी भूखे ठिठुर रहे तो किसान करते रतजगा

तस्वीर एक डकोर ब्लाक की ग्राम पंचायत बरसार में गोशाला का निर्माण करीब चार लाख रुपये से क

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 07:04 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 07:04 PM (IST)
मवेशी भूखे ठिठुर रहे तो किसान करते रतजगा
मवेशी भूखे ठिठुर रहे तो किसान करते रतजगा

तस्वीर एक :

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डकोर ब्लाक की ग्राम पंचायत बरसार में गोशाला का निर्माण करीब चार लाख रुपये से कराया गया था। इसमें टीन शेड, तार फेंसिग, पशुओं को पीने के लिए पानी की व्यवस्था भी की गई थी। इतने रुपये खर्च करने के बाद भी गोशाला की क्षमता केवल 50 से 60 मवेशी रखने की ही है। जिसके चलते अन्य जानवर खुले रहकर पशुओं की फसल को बर्बाद करते रहते हैं। तस्वीर दो

आटा में अकोढ़ी मार्ग पर बनी गोशाला में फिलहाल 300 मवेशी बंद हैं लेकिन गोशाला में चारा पानी का ठीक से प्रबंध नहीं है। जिससे कुछ दिनों पहले कुछ मवेशी बीमार हो चुके हैं। गोशाला की क्षमता भी 200 मवेशी की ही है पर 300 बंद किए गए हैं। सैकड़ों की संख्या में मवेशी सड़क पर घूमते हैं।

तस्वीर तीन

रामपुरा ब्लाक के मई गांव में गोशाला तो बनी हुई है लेकिन अव्यवस्थाओं की मार है। पशुओं के चारा पानी का कोई इंतजाम नहीं किया गया है। नतीजतन पशु बीमार हो जाते हैं और मर जाते हैं। ठीक से व्यवस्था नहीं होने से कई बार मवेशी बाहर निकल जाते हैं। प्रधान से लेकर अधिकारी तक सभी चारा पानी का आश्वासन व दौरा कर चले जाते हैं। व्यवस्था नहीं की जाती। --- जागरण संवाददाता, उरई : अन्ना पशुओं की समस्या से किसानों को निजात दिलाने के लिए मनरेगा व ग्राम निधि से गोशालाएं तो बनवा दी गई है। पर लापरवाही के चलते इन गोशालाओं का लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है। जिला प्रशासन तो व्यवस्थाएं करता है लेकिन निचले स्तर पर की जा रही बदइंतजामी की वजह से समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। नतीजतन किसानों की फसल को अन्ना जानवर नुकसान पहुंचाते हैं।

जिले में अन्ना पशुओं की समस्या बनी हुई है। समस्या से निजात के लिए मनरेगा व ग्राम निधि से अस्थाई गोशालाएं बनवाई गई हैं लेकिन इनमें अव्यवस्थाएं हावी रहने की वजह से इनमें पशु बंद नहीं रह पाते हैं। कम ही गोशालाएं ऐसी हैं, जिनमें सारी व्यवस्था ठीक हैं। कहीं पर चारा पानी नहीं तो कहीं टीन शेड में मवेशी ठिठुरकर बीमार होते हैं। वहीं किसी गोशाला में क्षमता कम होने से मवेशी सड़क पर अन्ना घूम रहे हैं।

चारा पानी का व्यापक प्रबंध इनमें कर दिया जाए तो पशु आराम से रह सकते हैं लेकिन व्यवस्थाओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

10 पशु पालकों को जारी किया नोटिस

ग्राम सिहारी दाऊदपुर में पशुपालकों ने अपने जानवरों को खुला छोड़ दिया है। जानवर खुले छोड़ देने के कारण किसान परेशान हैं। ग्रामीणों ने एसडीएम को शिकायत देकर पशुपालकों की सूची देकर कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों की शिकायत पर एसडीएम गुलाब सिंह ने बीडीओ महिमा विद्यार्थी तथा कोतवाली पुलिस को लिखित आदेश दी। एसडीएम के निर्देश पर कोतवाली पुलिस ने अन्ना जानवरों को खुला छोड़ने वाले 10 पशुपालकों को नोटिस जारी किए हैं।

रतजगा करना किसानों की मजबूरी

अपनी फसल को अन्ना जानवरों से बचाने के लिए किसानों को सर्द रातों में जागना पड़ता है। इसके बाद भी किसानों को नुकसान हो जाता है। थोड़ा सी आंख लगते ही पशु फसल चट कर जाते हैं। जिले की गोशाला पर एक नजर

ब्लाक ग्राम पंचायत स्थाई अस्थाई

रामपुरा 44 01 16

महेबा 59 26 10

कदौरा 71 21 33

कुठौंद 67 00 67

डकोर 76 01 62

कोंच 62 26 27

नदीगांव 67 32 36

माधौगढ़ 57 17 03

जालौन 62 01 36

नोट : कदौरा, चमारी, रामपुरा में एक-एक कान्हा गोशालाएं हैं।

गोशालाएं सभी संचालित हैं। इसके साथ ही व्यवस्थाएं भी चाक चौबंद कराई जा चुकी हैं। हो सकता है कि किसी गोशाला में अव्यवस्था हो लेकिन जानकारी मिलते ही व्यवस्थाएं दुरुस्त करा दी जाती हैं। चारे-पानी का भी पर्याप्त इंतजाम किया गया है। भूसा के साथ ही पराली भी गोशालाओं में भेजी गई है। जिलाधिकारी के सख्त निर्देश हैं कि किसी भी गोशाला में अव्यवस्था नहीं होनी चाहिए।

प्रशांत कुमार श्रीवास्तव, सीडीओ


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