हाफिया को 'आयुष्मान' से मिली जिंदगी
जागरण संवाददाता उरई रजा उल्ला की जिंदगी गम में डूबती जा रही थी। पत्नी रजिया बेटी हाफिया क
जागरण संवाददाता, उरई : रजा उल्ला की जिंदगी गम में डूबती जा रही थी। पत्नी रजिया बेटी हाफिया को देखतीं और रो पड़तीं। बेटी को धीरे-धीरे मौत के मुंह में जाते देखने के सिवा और कर ही क्या सकती थीं। उसके फेफड़ों में पानी की शिकायत की। डॉक्टर ने पचास हजार रुपये का खर्च बता दिया। कई लोगों से कर्जा मांगा लेकिन इतनी रकम नहीं जुटा सके कि इलाज करा सकें। आखिरकार आयुष्मान योजना काम आई और बेटी को जिंदगी वापस मिल गई।
जालौन के मोहल्ला चुर्खीवाल निवासी रजा उल्ला मजदूरी करते हैं। छह साल की बेटी हाफिया के फेफड़ों में पानी की शिकायत सामने आने के बाद स्थानीय अस्पतालों में इलाज चलता रहा। बाद में झांसी के एक नर्सिंग होम गए तो डॉक्टर ने पचास हजार रुपये का खर्च बताया। तीन बच्चों का भरण पोषण करना पहले ही आसान नहीं था। ऐसे में इतनी बड़ी रकम की व्यवस्था कैसे कर पाते। कुछ लोगों से कर्जा मांगा लेकिन रकम इतनी नहीं हो सकी कि इलाज करा सकें। थक हारकर बेटी को वापस घर ले आए। इसी दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक डा. मुकेश राजपूत ने आयुष्मान योजना के बारे में जानकारी दी। पता किया तो पात्रों की सूची में नाम था। कार्ड बनवाया और बेटी को सीएचसी में भर्ती कराया। यहां से कानपुर रेफर कराकर बेटी का निश्शुल्क इलाज हो गया। अब वह पूरी तरह स्वस्थ है। आंखों को मिली रोशनी, कालपी: आयुष्मान भारत योजना के तहत कालपी के नारायण नेत्र चिकित्सालय में नब्बे लोगों का इलाज हुआ। कालपी के जोल्हूपुर गांव निवासी 70 वर्षीय सुमित्रा ने आयुष्मान योजना से ही आंखों का ऑपरेशन कराया। अब वह अच्छी तरह देख सकती हैं। इसी तरह कालपी में रामचबूतरा निवासी रहमान ने आयुष्मान योजना के तहत ही आंखों का इलाज कराया।