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नहीं सुधर रहे गुरूजी, कई जगह मिले गायब

संवाद सूत्र, रामपुरा : एक तरफ प्रशासन स्कूलों की शिक्षण व्यवस्था दुरुस्त करने के लाख जतन कर

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 11:17 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 11:17 PM (IST)
नहीं सुधर रहे गुरूजी, कई जगह मिले गायब
नहीं सुधर रहे गुरूजी, कई जगह मिले गायब

संवाद सूत्र, रामपुरा : एक तरफ प्रशासन स्कूलों की शिक्षण व्यवस्था दुरुस्त करने के लाख जतन कर रहा है। दूसरी ओर गुरूजी की चाल में सुधार नहीं हो रहा है। लगातार हो रहे निरीक्षण के बाद भी कार्यपद्धति में बदलवा नजर नहीं आ रहा है। इसका बानगी गुरुवार को फिर देखने को मिली। बीईओ द्वारा किए गए स्कूलों के औचक निरीक्षण में कहीं गुरुजी नदारद मिले तो कहीं विद्यालय की शिक्षण व्यवस्था ठीक नहीं मिली। एमडीएम की गुणवत्ता सही नहीं दिखी। इसकी जांच आख्या बनाकर जिला स्तर पर भेजी गई है।

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बीईओ रामगोपाल वर्मा ने बताया कि जिलाधिकारी एवं बेसिक शिक्षाधिकारी के निर्देशन में क्षेत्र के प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक व कन्या स्कूलों का औचक निरीक्षण किया गया। जिसमें काफी कमियां देखने को मिली हैं। जिनकी रिपोर्ट बनाकर जिलास्तर पर भेज दी गई है।

कंझारी में प्रधानाध्यापक ही थे नदारद

रामपुरा ब्लाक क्षेत्र के ग्राम कंझारी के प्राथमिक स्कूल में प्रधानाध्यापक श्रीप्रकाश अनुपस्थित मिले तथा सहायक अध्यापक परवेज कुरैशी 18 व 19 सितंबर तक अनुपस्थित रहे। वहीं दर्ज 131 बच्चों में से कुल 55 छात्र उपस्थित मिले। दूध का वितरण नहीं किया गया था। पूर्व माध्यमिक विद्यालय पतराही में प्रधानाध्यापक रजनी, सहायक अध्यापक प्रवीण, अनुचर ब्रम्हदत, अनुदेशक देवेंद्र अनुपस्थित मिले।

पतराही में नहीं खुला था विद्यालय

कन्या प्राथमिक विद्यालय पतराही बंद पाया गया। कन्या विद्यालय महटौली में सहायक अध्यापक अनिल कुमार अनुपस्थित मिले। पूर्व माध्यमिक विद्यालय महटौली में सहायक अध्यापक माधुरी 17 तारीख से अनुपस्थित नजर आईं। प्राथमिक विद्यालय महटौली के प्रधानाध्यापक मु. अशरफ अनुपस्थित तथा शिक्षिका करुणा को लेकर चौंकाने वाली बात सामने आई, वह एक साल से स्कूल ही नहीं आई हैं।

बगैर नाम व मान्यता का विद्यालय कराया बंद

ब्लाक क्षेत्र के ग्राम महटौली के काफी समय से एक फर्जी स्कूल चल रहा था। जिसकी शिकायत मिली थी, जिसको भी देखा गया तो मौके पर छात्र और कुछ अध्यापक मिले लेकिन किसी प्रकार का स्कूल का नाम तथा कोई कागजात नहीं दिखाया जा सका। अत: उस विद्यालय को बंद करवाकर उसमें पढ़ने वाले छात्रों एवं उनके अभिभावकों को सूचना दी गई कि आपके गांव में कई सरकारी स्कूल हैं उनमें जाकर दाखिला करवाएं तथा लोगों को प्रेरित किया कि सरकारी स्कूलों में दाखिला करवाएं तथा सरकारी योजनाओं व सुविधाओं का लाभ उठाएं।


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