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चिकित्सकों की कमी से दम तोड़ रही सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं

जागरण संवाददाता, उरई : यह कहना गलत नहीं होगा कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं जिले में खुद बीम

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Aug 2017 03:01 AM (IST)Updated: Sun, 13 Aug 2017 03:01 AM (IST)
चिकित्सकों की कमी से दम तोड़ रही सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं
चिकित्सकों की कमी से दम तोड़ रही सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं

जागरण संवाददाता, उरई : यह कहना गलत नहीं होगा कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं जिले में खुद बीमार नजर आ रहीं हैं। जिला अस्पताल में यूं तो संसाधनों की कोई कमी नहीं है। इमरजेंसी के अलावा ट्रामा सेंटर व आईसीयू तक स्थापित हैं, परंतु इलाज केवल संसाधनों के सहारे नहीं होता विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा इलाज किया जाता है। जिला अस्पताल में प्रावधानों के अनुपात में पचास फीसदी भी डॉक्टर नहीं हैं। यही वजह है कि गंभीर रूप से बीमारी मरीजों को सरकारी अस्पताल में बेहतर इलाज नहीं मिल पाता है। लगातार शासन में पत्राचार किए जाने के बावजूद जिला अस्पताल में नये चिकित्सकों की तैनाती नहीं हो सकी है।

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जिला अस्पताल में चार साल पहले आईसीयू बनकर तैयार हो गया था। नई भवन में आईसीयू से संबंधित आधुनिक मशीनें स्थापित की गईं, परंतु लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। क्योंकि का कार्डिलॉजिस्ट समेत आईसीयू के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती नहीं की जा सकी है। हालत यह है कि शुरू होने से पहले हीआईसीयू भवन के जर्जर होने की स्थिति हो गई। ऐसे में गंभीर मरीजों को ¨जदगी बचाने के लिए खून चढ़ाने की जरूरत आ जाए तो जिला अस्पताल में उसे निराश होना पड़ेगा। यहां स्थापित ब्लड बैंक में भी स्थाई तौर पर पैथॉलाजिस्ट की तैनाती नहीं है। सप्ताह में दो दिन है पैथॉलाजिस्ट के बैठने के वजह से ब्लक बैंक बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। मजबूरी में मरीजों को निजी अस्पतालों में इलाज कराने को विवश होना पड़ता है। अस्पताल में फिजिशीयन की कमी की वजह से ओपीडी भी सही ढंग से संचालित नहीं हो पा रही है। अकेले जिला अस्पताल में 10 विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है सरकारी स्वास्थ्य सेवा किस कदर से बेहाल है। जिला महिला अस्पताल में भी मशीनरी संसाधनों की कोई कमी नहीं है परंतु चिकित्सक सात कम हैं। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक समेत पांच चिकित्सक की वर्तमान में तैनात हैं। अस्पताल में बना अक्सीजन प्लांट भी बंद रहता है। यहां बाहर से आक्सीजन सिलेंडरों की आपूर्ति होती है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.अल्पना बरतारिया का कहना है कि चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिये शासन से पत्राचार किया जा रहा है। मौजूदा संसाधनों से बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने की कोशिश की जा रही है।


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