एक ही गांव में मिले पांच नए कुष्ठ रोगी
जागरण संवाददाता, उरई : प्रदेश में राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत घर-घर जाकर
जागरण संवाददाता, उरई : प्रदेश में राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत घर-घर जाकर कुष्ठ रोगी ढूंढ़े जा रहे हैं। इस कार्यक्रम के अंतर्गत 39 जिलों को लिया गया है। इसमें झांसी मंडल के झांसी और ललितपुर को लिया गया, जबकि जालौन को इसमें शामिल नहीं किया गया है। जिला कुष्ठ अधिकारी डा. पवन कुमार का कहना हैं कि हालांकि निरीक्षण के लिए कोई बजट आवंटन नहीं हुआ है फिर भी रोगियों को तो खोज ही सकते हैं।
जिला कुष्ठ परामर्शदाता डा. मदन मोहन ने बताया कि वर्तमान में 134 कुष्ठ रोगी दवा ले रहे हैं। इसके अलावा अप्रैल से अभी तक दो लोग ऐसे मिले हैं जो कुष्ठ की वजह से विकलांग हो गए हैं। उनमें से एक मरीज डकोर ब्लॉक का भी हैं। जगदेपुर गांव में निरीक्षण के बारे में उनका कहना हैं कि इस गांव में पहले बहुत कुष्ठ रोगी हुआ करते थे। यहा तक कि वर्तमान में भी दो मरीज हैं जो दवा ले रहे हैं। बताया कि कुष्ठ एक ऐसा रोग हैं जो यदि किसी इंसान को हो जाए तो उसका प्रभाव पांच साल के बाद दिखाई देगा। ऐसे में बहुत जरूरी हो जाता हैं कि पहले ही निरीक्षण से संदिग्ध मरीज की पहचान कर ली जाए। डॉ. मदन का कहना हैं कि हालांकि जालौन में कुष्ठ रोगियों की संख्या में कमी आई हैं लेकिन यहां कुष्ठ रोगी होने की संभावना अभी हैं। जिसके चलते समय दर समय कुष्ठ रोग विभाग के द्वारा गांवों और शहरों में निरीक्षण होता रहता हैं। ऐसे लक्षण दिखे तो हो जाये सतर्क
- सामान्य त्वचा की तुलना में त्वचा पर थोड़े लाल, गहरे या हल्के धब्बे हो - यह धब्बे सुन्न हो सकते हैं तथा यहां तक कि यह त्वचा के प्रभावित हिस्से पर होने वाले बालों के झड़ने की समस्या को भी पैदा कर सकते है।
- हाथ या पैर की अंगुली का सुन्न होना
- आंखों की पलकों के झपकने में कमी आना