महेबा में एकाएक मौसम बदलने से किसान हुए चितित
संवाद सूत्र महेबा दो दिन से चल रही तेज हवाओं के साथ गुरुवार की रात में अचानक आसमान में बादल छा जाने के साथ हल्की बूंदाबांदी हुई तथा हवाओं से कई किसानों की गेहूं व जौ की फसल खेतों में गिर गई। मौसम में आए
संवाद सूत्र, महेबा : दो दिनों से चल रही तेज हवाओं के साथ गुरुवार की रात में अचानक आसमान में बादल छा जाने के साथ हल्की बूंदाबांदी हुई। तेज हवा चलने से कई किसानों की गेहूं व जौ की फसल खेतों में गिर गई। मौसम में आए बदलाव से किसान बेहद चितित हैं क्योंकि रबी की फसल इस समय पकने की कगार पर है।
बुंदेलखंड का किसान दैवीय आपदाओं के कारण उबर नहीं पा रहा है खरीफ की फसल में बाढ़ व अति वर्षा से फसलें नष्ट हो गई थीं, जिससे किसानों को दोहरा नुकसान हुआ था। एक तो लागत बर्बाद हो जाने के बाद बाढ़ से डूबी हुई फसल का मुआवजा नहीं मिला वहीं उन खेतों में किसान एक फसली ही खेती कर सके। किसानों ने बताया कि इस वर्ष रबी में भी जनवरी माह में बारिश होने की वजह से मटर और मसूर की फसल में किसानों को पहले ही नुकसान हो चुका है। महेबा, मगरौल, कोटरा, न्यामतपुर, मुसमरिया, चुर्खी, गोरा कला, दमरास के किसानों ने बताया के लगातार कई वर्षों से फसलों में नुकसान हो रहा है, जिसकी भरपाई के लिए किसानों ने इस वर्ष रबी की फसल में जी तोड़ मेहनत की थी। महंगे व प्रमाणित बीज लेकर बोए थे। पैदावार बढ़ाने के लिए किसानों द्वारा हर संभव प्रयास किए गए और यह भी बताया कि हर वर्ष की तुलना में इस वर्ष फसल अच्छी दिखाई दे रही है पर किसानों के घरों में अनाज पहुंचने में अभी बहुत वक्त है। दो दिन से चल रही तेज हवाओं के साथ गुरुवार की रात में आसमान पर घनघोर बादल घिर आए तथा गड़गड़ाहट के साथ बूंदाबांदी भी हुई। अचानक हुए मौसम परिवर्तन से किसान बुरी तरह से चितित हैं कि कहीं अब तेज बारिश न हो जाए तो किसानों की चना, मसूर, सरसों, अरहर की फसल चौपट हो जाएगी। क्षेत्र के किसानों ने बताया कि रात में हुई बूंदाबांदी व तेज हवाओं से गेहूं व जौ की फसल खेतों में गिर गई है। जो फसल हवा से गिर गई है उसकी जड़ें उखड़ जाने की वजह से अब दाने सही नहीं पड़ेंगे, जिससे पैदावार में गिरावट हो जाएगी। शुक्रवार को भले ही दिन में बादल कम रहे लेकिन अनिष्ट की आशंका से किसान बुरी तरह से विचलित हैं।