डेयरी विकास योजना की खराब प्रगति पर डीएम ने जताई नाराजगी
जासं,उरई : कलेक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार को राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के तत्
जासं,उरई : कलेक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार को राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के तत्वावधान में संचालित भारत सरकार की डेयरी उद्यमिता विकास योजना की समीक्षा की गई। प्रगति खराब पाए जाने पर डीएम ने गहरी नाराजगी प्रकट करते हुए बैंक अधिकारियों को निर्देशित किया कि लंबित परियोजनाओं को तुरंत स्वीकृत करने का कार्य करें। किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
शुक्रवार को हुई बैठक में जिलाधिकारी डा. मन्नान अख्तर ने कहा कि यहां के किसानों की रुचि डेयरी योजनाओं में है, उन्हें इसका लाभ मिल सकता है। किसान अपनी आय को बढ़ा सकते हैं। सभी बैंकें कम से कम दो परियोजनाएं स्वीकृत करें ताकि किसानों को लाभ मिल सके। डीएम ने कहा कि परियोजनाओं की भूमि सत्यापन आदि में कोई भी दिक्कत आएगी तो बैंक को जिला प्रशासन की तरफ से मदद दी जाएगी। शाखा प्रबंधक परियोजना के प्रपत्र जमा करते समय उसकी प्राप्ति रशीद किसान को देंगे। अगर किसी किसान की परियोजना को अस्वीकृत किया जाता है तो उसका वाजिब कारण भी बैंक को बताना होगा। डेयरी क्षेत्र में अधिक से अधिक ऋण उपलब्ध कराने का कार्य बैंकों को करना है। जिला प्रबंधक नाबार्ड प्रकाश कुमार ने डेयरी उद्यमिता के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि योजना में सामान्य व पिछड़ा वर्ग के लाभार्थियों के लिए पच्चीस प्रतिशत, अनुसूचित जाति जनजाति के लाभार्थियों को 33.33 प्रतिशत की सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि बैंकों द्वारा किसानों को सिर्फ केसीसी के लिए प्रेरित करना डेयरी व्यवसाय को नुकसान पहुंचा रहा है। इस मौके पर किसान क्लब के अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण चतुर्वेदी व सभी बैंकों को शाखा प्रबंधक उपस्थित रहे।