मिट्टी के पारंपरिक दीयों के साथ डिजाइन की भी मांग
जासं,उरई : दीपावली के त्योहार पर मिट्टी के पारंपरिक दीयों के साथ डिजाइन की भी मांग की जा
जासं,उरई : दीपावली के त्योहार पर मिट्टी के पारंपरिक दीयों के साथ डिजाइन की भी मांग की जा रही है। त्योहार को देखते हुए बाजार सजने लगे हैं। खरीदारी की भीड़ उमड़ना भी शुरू हो गई है।बिजली की झालरों और मोमबत्ती के मुकाबले पारंपरिक दीयों की तरफ लोगों का रुझान अधिक है।
दीपावली के त्योहार पर मिट्टी के दीये जलाने की परंपरा है। पूजन में भी इन दीयों का ही प्रयोग होता है। हालांकि महानगरों में इन दीयों के स्थान पर लोग बिजली की झालरों का प्रयोग करने लगे हैं लेकिन उरई में इनकी मांग लगातार बढ़ रही है। सादा के साथ डिजाइनर दीयों के प्रति भी लोग उत्सुक दिखाई दे रहे हैं। हालांकि इस बार बाजार में कुछ महंगाई का असर है लेकिन मिट्टी के दीये की खरीदारी पर इसका असर नहीं दिख रहा है। मिट्टी के बर्तन बनाने वाले रमाशंकर ने बताया कि मिट्टी महंगी होने की वजह से पिछले साल के मुकाबले दाम में इजाफा हुआ है। इस वर्ष 100 रुपये सैकड़ा के हिसाब से दीये बेचे जा रहे हैं। पिछले साल इनकी कीमत 20 रुपये सैकड़ा थी। डिजाइनर दीये दो सौ रुपये सैकड़ा तक बिक रहे हैं।