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कर्ज में डूबे किसान ने जान दी

संवादसूत्र, महेबा/सिरसा कलार (उरई) : दस लाख रुपये के कर्ज में डूबे सरनी गांव निवासी किसान ने

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 11:17 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 11:17 PM (IST)
कर्ज में डूबे किसान ने जान दी
कर्ज में डूबे किसान ने जान दी

संवादसूत्र, महेबा/सिरसा कलार (उरई) : दस लाख रुपये के कर्ज में डूबे सरनी गांव निवासी किसान ने मंगलवार रात फांसी लगाकर जान दे दी। परिजन के मुताबिक ट्रैक्टर, बैंक और साहूकारों का कर्ज अदा न कर पाने से वह परेशान थे।

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सिरसा कलार थानाक्षेत्र के महेबा ब्लाक के सरेनी गांव निवासी जयकिशोर (45) पत्नी छोटी बहू, पुत्र व दो पुत्रियों के साथ रहते थे। वह खेती-बाड़ी से परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे। पत्नी ने बताया कि रात करीब 12 बजे तक वह दोनों बातें करते रहे। उसके बाद दोनों लोग सो गए। करीब डेढ़ घंटे बाद वह जागीं तो चारपाई खाली थी, यह देख वह घर के अंदर गई तो कमरे में जयकिशोर का शव फांसी पर लटकता देख शोर मचाया। वहां पहुंचे पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। नियामतपुर चौकी इंचार्ज जितेंद्र ¨सह यादव ने बताया कि शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

पिता के समय का है कर्ज

पड़ोसियों के मुताबिक जयकिशोर के मां-बाप की मौत हो चुकी है। उनके पिता ने कर्ज पर तीन ट्रैक्टर लिए थे। किश्त अदा नहीं करने पर वह ट्रैक्टर खींच लिए गए थे लेकिन कर्ज का बोझ नहीं हटा। जिसका चार लाख रुपये कर्ज था। इसके अलावा तीन बैंकों का चार लाख और साहूकारों का दो लाख रुपये कर्ज था। जिसको लेकर साहूकार और लेनदार तगादा करते थे।

पांच साल पहले चला गया था जयपुर

पांच साल पहले वह जयपुर चले गए थे, जहां पानी-पूरी का काम शुरू किया था। उसमें भी उसे घाटा हो गया। एक साल पहले वह गांव लौट आए, जिसके बाद साहूकारों के दबाव से परेशान थे।

जमीन रख दी थी गिरवी

ग्रामीण बताते हैं कि कर्ज अदा करने के लिए वह छह बीघा जमीन तक गिरवी रख चुके थे, लेकिन बोझ से उबर नहीं सके। इसकी वजह से हमेशा तनाव में रहते थे।

जमीन होने वाली थी नीलाम

पत्नी ने बताया कि तीन दिन पहले एक अमीन ने भूमि की नीलामी के लिए खेतों पर लाल झंडी लगाने की बात कही थी, जिसके बाद से वह बहुत परेशान थे।

पत्नी से कर रहा था कर्ज पर बात

रात में भी पत्नी से बातचीत के दौरान वह कर्ज को लेकर बातें कर रहे थे लेकिन पत्नी को अंदाजा नहीं था कि वह ऐसा कदम उठा लेंगे।

परिवार के सामने भरण-पोषण का संकट

पिता की मौत के बाद बेटे मनीष (11) और बेटियों काजल (6) व प्रियंका (4) का रो-रोकर बुरा हाल था। घर में कोई और सदस्य नहीं होने से अब भरण-पोषण का भी संकट हो गया है।


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