यमुना में बाढ़ से कई गांवों का संपर्क कटा
संवाद सहयोगी, कालपी : कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने पर यमुना के जलस्तर में अचानक तेजी से व
संवाद सहयोगी, कालपी : कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने पर यमुना के जलस्तर में अचानक तेजी से वृद्धि हो गई। बीते अठारह घंटे में यमुना का जलस्तर लगभग 5 मीटर बढ़ गया। यमुना का जलस्तर बढ़ने से नगर के सभी घाट पानी में डूब गए। जौधर व पड़री रपटे के ऊपर पानी तीव्र गति से बहने लगा, जिससे दोनों रपटों पर आवागमन बंद हो गया। जौधर रपटे पर नाव से जान जोखिम में डालकर निकलते रहे। यमुना का जलस्तर सोमवार को 104.98 मीटर दर्ज किया गया। बाढ़ से यमुना पट्टी के एक दर्जन गांवों का संपर्क तहसील मुख्यालय से टूट गया।
विगत एक सप्ताह से यमुना का जलस्तर धीरे धीरे बढ़ रहा था लेकिन रविवार को यमुना का जलस्तर स्थिर हो गया। उसके बाद रविवार की ही शाम 6 बजे से अचानक जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक पहले जलस्तर 18 से 20 सेमी. प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ने लगा। उसके बाद रात बारह बजे के आसपास जलस्तर बढ़ने की गति 40 से 45 सेमी. प्रति घंटे हो गई। सोमवार की सुबह होते ही नदी में बाढ़ आ गयी।
खतरे के निशान से तीन मीटर दूर
सोमवार को दोपहर 12 तक नदी का जलस्तर 104.98 मीटर दर्ज किया गया जो खतरे के निशान से तीन मीटर व चेतावनी के निशान से मात्र दो मीटर दूर है। अभी भी यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। जल आयोग के मुताबिक कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने पर जलस्तर बढ़ा है।
दस से बारह फीट ऊपर बह रहा पानी
यमुना का जलस्तर बढ़ने से नगर के किला घाट, पीला घाट, व ढोढेश्वर घाट पानी में डूब चुके हैं। वेदव्यास मंदिर के आगे जौधर रपटे पर लगभग दस से बारह फीट पानी ऊपर से बहने लगा, जिसके कारण लोगों को नाव का सहारा लेना पड़ा। मंगरौल, पड़री रपटा के ऊपर भी नून नदी का पानी आ गया है। जिससे इस रपटे से आवागमन पूरी तरह बंद हो गया। व्यास मंदिर के पीछे खेतों में भी यमुना का जल आ गया, जिससे कई किसानों की फसल बाढ़ में डूब गई।
जान जोखिम मे डालकर नाव में जाते लोग
यमुना में बाढ़ आने के कारण वेदव्यास मंदिर के आगे जौधर नाले पर बने रपटे पर पानी आ जाने से लोगों को नाव में बैठकर रपटा पार करना पड़ा। इस दौरान नाव चालक नाव में मानक से ज्यादा सवारियां तथा वाहन लोड कर एक तरफ से दूसरे तरफ ले जाते दिखे। बता दें कि इस सड़क से रोजाना एक दर्जन से अधिक गांवों के लोगों का आना जाना रहता है लेकिन फिर भी प्रशासन नाव चालकों के इस कृत्य पर ध्यान नहीं दे रहा है। ओवरलोड नाव यदि पलट गई तो बड़ा हादसा हो सकता है।
बजट मिलने के बाद भी नहीं कराया गया पुल का निर्माण
विधायक नरेंद्र ¨सह जादौन ने यमुना पट्टी के लोगों की इस गंभीर समस्या को देख कर जौधर नाले पर रपटे का निर्माण कराने के लिये पहल की और मुख्यमंत्री से पुल के लिए बजट भी दिलाया, जो पांच माह पूर्व राज्य सेतु निर्माण निगम के पास आ चुका है। उसके बावजूद अभी तक रपटे पर पुल निर्माण की शुरुआत तक नहीं हुई जबकि लगभग 9 करोड़ रूपये बजट राज्य सेतु निर्माण को जारी कर दिया गया है।
सितंबर में अब तक कुछ इस तरह रहा यमुना का जलस्तर
1 सितंबर -98.15
2 सितंबर -98.12
3 सितंबर -98.94
4 सितंबर -99.79
5 सितंबर -100.11
6 सितंबर -100.67
7 सितंबर -100.83
8 सितंबर -100.49
9 सितंबर -100.30
10 सितंबर -104.98