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जर्जर भवनों में संचालित हो रहीं सहकारी समितियां

जागरण संवाददाता, उरई : झड़ा हुआ प्लास्टर, दरकी दीवारें और निकली हुई सरिया। यह नजारा किसी

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Feb 2019 06:25 PM (IST)Updated: Sun, 03 Feb 2019 06:25 PM (IST)
जर्जर भवनों में संचालित हो रहीं सहकारी समितियां
जर्जर भवनों में संचालित हो रहीं सहकारी समितियां

जागरण संवाददाता, उरई : झड़ा हुआ प्लास्टर, दरकी दीवारें और निकली हुई सरिया। यह नजारा किसी वीराने खंडहर का नहीं, बल्कि वे सहकारी समितियां हैं जो लोगों को वित्त मुहैया कराती हैं। जनपद की तकरीबन सभी 66 सहकारी समितियों के भवन जर्जर हालत में पहुंच चुके हैं, हाल यह है कि कर्मचारी इनकी छत के नीचे बैठने से कतराते हैं। जबकि समितियों के काफी प्रयास के बाद भी काम शुरू नहीं हो सका है।

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जनपद में सहकारिता विभाग की कुल 66 समितियां संचालित होती हैं। इनके भवन काफी पुराने हो चुके हैं। वर्तमान में हालत यह है कि कुछ समितियों के भवन इतने अधिक जर्जर हो चुके हैं कि कभी भी ढह सकते हैं। दीवारें दरक गई हैं और प्लास्टर भी उखड़ चुका है। कर्मचारी भी खौफ में काम करते हैं। इनमें दमरास और न्यामतपुर की सहकारी समिति के भवन काफी दयनीय हालत में हैं। स्थिति यह है कि बारिश हो जाए तो इनमें रखी खाद और बीज पूरी तरह खराब हो जाएं। इसके साथ ही लगभग एक दर्जन समितियों के भवनों में मरम्मत की आवश्यकता है। विभाग ने इस दिशा में प्रयास तेज कर दिए हैं। इससे उम्मीद जगी है कि जल्दी ही इनका कायाकल्प हो जाएगा। बोले जिम्मेदार

जिले में दमरास और न्यामतपुर के सहकारी समिति के भवन जर्जर हालत में हैं। इसके साथ ही बारह भवनों की मरम्मत होनी है। आइसीडीपी योजना के तहत सहकारी भवनों के लिए रुपये मिले हैं। कार्यदायी संस्था से बात की गई है। जल्द ही काम शुरू कराया जाएगा। - प्रेमचंद, सहायक निबंधक सहकारिता।


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