रुझान देख बदलने लगे पाला, दिखे मोदीमय
चुनावी इतिहास में शायद यह पहला मौका था जब सड़कों पर प्रचार के दौरान ढोल नगाड़े और जुलूस-रैली का दौर नहीं दिखा। आयोग की सख्ती या फिर लोगों का मौन वजह जो भी हो अधिसूचना जारी होने के बाद चुनाव महज प्रत्याशी के साथ चंद लोगों की मौजूदगी के साथ ही निपट गया। गली-गली होने वाले जनसंपर्क का वह दौर नहीं दिखा जिसमें शामिल लोगों के चेहरे प्रत्याशी और दल की पोल खोल देते थे। हालांकि चौक चौराहों पर भी मतदान के कुछ दिन पहले ही लोगों का जुटान दिखा औ
जागरण संवाददाता, उरई : चुनावी इतिहास में शायद यह पहला मौका था जब सड़कों पर प्रचार के दौरान ढोल नगाड़े और जुलूस-रैली का दौर नहीं दिखा। आयोग की सख्ती या फिर लोगों का मौन, वजह जो भी हो अधिसूचना जारी होने के बाद चुनाव महज प्रत्याशी के साथ चंद लोगों की मौजूदगी के साथ ही निपट गया। गली-गली होने वाले जनसंपर्क का वह दौर नहीं दिखा, जिसमें शामिल लोगों के चेहरे प्रत्याशी और दल की पोल खोल देते थे। हालांकि चौक चौराहों पर भी मतदान के कुछ दिन पहले ही लोगों का जुटान दिखा और चुनावी चर्चा जोरों पर चली। यह जरूर है कि मतदान के बाद तक चुप्पी न तोड़ने वाले मतगणना के बाद रुझान की जानकारी होते ही घरों से निकल पड़े। जिधर की हवा देखी, उधर ही बह चले। नतीजा, झांसी-कानपुर हाईवे पर नवीन गल्ला मंडी स्थित मतगणना स्थल पर दोपहर 12 बजे के बाद लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। बीच-बीच में गुलाल उड़ने लगा। कुछ समय बाद लोगों के चेहरे गुलाल से लाल-पीले नजर आने लगे। हालांकि कुछ ऐसे भी चेहरे थे, जिनको लेकर चर्चा का दौर शुरू हो गया। कहा गया कि चुनाव के दौरान दूसरे प्रत्याशी की कसीदे पढ़ने वाले अब पाला बदल चुके हैं। शाम तक सभी मोदी मय नजर आने लगे। हाईवे पर एक ढाबे में अस्थाई कार्यालय बनाए बैठे प्रत्याशी भानु प्रताप वर्मा के पास लोगों का जुटान बढ़ने लगा। शाम होते होते भारी भीड़ जमा हो गई। कल तक दूसरे आंकड़े पेश करने वाले भी कहने लगे कि आपकी जीत तो पहले से ही तय थी।