संभलकर छुड़ाएं अतिशबाजी, अस्पताल में नहीं इलाज की व्यवस्था
दशहरा और दीपावली का त्योहार नजदीक है। मंगलवार को दशहरा पर्व है। इन त्योहारों पर आतिशबाजी जलाने की रवायत है। हल्की सी चूक आपके अपने पर भारी पड़ सकती है।
जागरण संवाददाता, उरई : दशहरा और दीपावली का त्योहार नजदीक है। मंगलवार को दशहरा पर्व है। इन त्योहारों पर आतिशबाजी जलाने की रवायत है। हल्की सी चूक आपके अपने पर भारी पड़ सकती है। छोटे बच्चों के लिए आतिशबाजी जानलेवा भी साबित हो जाती है। कमोवेश, हर साल पटाखों से जलने की घटनाएं प्रकाश में आती रहती हैं। बच्चों और खुद को लेकर आपको सावधानी बरतने की जरूरत है। अगर कोई अनहोनी हुई तो लेने के देने पड़ सकते हैं। वजह, जिला अस्पताल में इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी है। सावधानी से ही किसी अप्रिय घटना को टाला जा सकता है।
दशहरा पर्व पर भी रावण का पुतला जलाने में पटाखे का प्रयोग भी किया जाता है। छोटे बच्चे भी अपने हाथ से पुतला बनाते हैं और साथियों के साथ आग के हवाले करते हैं। साथ ही पटाखे भी छुड़ाए जाते हैं, अगर को बच्चा या अपना बारूद की चपेट में आ गया तो त्वरित इलाज के लिए आपको परेशान होना पड़ सकता है। शहर में कहने को बड़ा और सरकारी अस्पताल है लेकिन संसाधनों का अभाव खलता है। बड़ी दिक्कत यह कि अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक ही नहीं हैं। जिससे आधा अधूरा इलाज ही मरीज को मिल पाता है। मजबूरन जिला अस्पताल के डॉक्टर गंभीर मरीजों को झांसी या कानपुर के लिए रेफर कर देते हैं। इस वर्ष 86 मामले जलने के आए
बर्न स्टाफ नर्स दीक्षा ने बताया कि जिला अस्पताल में जनवरी से लेकर अबतक 86 मामले जलने के आ चुके हैं। छोटे केस होने की वजह से तो इनका उपचार किया गया, लेकिन 40 फीसद से ज्यादा जलने वालों के लिए यहां उपचार संभव नहीं है, क्योंकि यहां सर्जन चिकित्सक की तैनाती नहीं है। ट्रामा सेंटर में तैनात डॉ. अजय सिंह यादव ने बताया कि इमरजेंसी में आने वाले बर्न के मरीजों के लिए जो सुविधा जिला अस्पताल में उपलब्ध है उसके अनुसार ही उपचार किया जाएगा। विपरित परिस्थितियों में मरीजों को रेफर कर दिया जाता है।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक अजय कुमार सक्सेना ने बताया कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी है। इस समस्या को दूर करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए पत्र लिखा गया है। उम्मीद है कि जल्दी समस्या का निराकरण हो जाएगा।