अव्यवस्था के घेरे में बेसिक शिक्षा
जागरण संवाददाता, उरई : पूरे प्रदेश की बेसिक शिक्षा अव्यवस्था के घेरे में है। विद्यालयों में
जागरण संवाददाता, उरई : पूरे प्रदेश की बेसिक शिक्षा अव्यवस्था के घेरे में है। विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है। नियुक्तियां नहीं हो पा रही हैं। 65 हजार शिक्षकों की नियुक्तियां शुरू की गईं तो भारी गड़बड़ी सामने आयी। प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में जांच समिति गठित करनी पड़ी जिसके अंतिम फैसले के आधार पर नियुक्तियां बाकी हैं।
उक्त बात इलाहाबाद-झांसी क्षेत्र के स्नातक विधायक एवं प्रधानाचार्य परिषद के संयोजक डा. यज्ञदत्त शर्मा ने कही। उन्होंने कहा कि अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीइटी) पास करने के बाद शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अलग से परीक्षा कराना नौकरशाही की योजना परीक्षा के नाम पर अतिरिक्त पैसा पैदा करना है। उन्होंने आरोप लगाया कि टीइटी के लिए पांच सौ रुपये प्रति परीक्षार्थी लिए जा रहे हैं जबकि एक प्रश्नपत्र होता है। एक प्रश्नपत्र के लिए 500 रुपये और 18 लाख से अधिक अभ्यर्थियों के आवेदन पत्र भरे जाने से लगभग 90 करोड़ रुपये आएंगे। टीइटी परीक्षा के लिए क्या 90 करोड़ रुपये खर्च हो जाएंगे। साफ है कि नौकरशाह और उनके साथ मिले ताकतवर लोग धन को हड़पने की योजना में लगे हैं। इसकी उच्च स्तरीय जांच करवाकर दोषियों को दंडित किए जाने की जरूरत है। हाईस्कूल में छह प्रश्नपत्रों के लिए 200 रुपये और इंटर के पांच प्रश्नपत्रों के लिए 221 रुपये परीक्षा शुल्क लिया जाता है। इससे स्पष्ट है कि परीक्षा शुल्क में घपले की पूरी संभावना है।