- मांगों को लेकर एंबुलेंस चालकों ने किया चक्का जाम
जागरण संवाददाता उरई जिले के एंबुलेंस कर्मी सोमवार को विभिन्न मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर चक्का जाम किया। काफी समय से समस्याओं को शासन स्तर पर अवगत कराने के बाद भी मांगें पूरी न होने पर नाराजगी जताई। कालपी-जालौन बाइपास पर एएलएस (एडवांस लाइफ सपोर्ट) की 40 गाड़ियों को खड़ी कर चक्का दी। जाम कर दिया। कर्मचारियों ने एलान किया कि मांगों को पूरा न किया गया तो हड़ताल जारी रखेंगे। एंबुलेंस चालकों की हड़ताल के कारण सारा दिन मरीजों की जान सांसत में रही। इमरजेंसी पड़ने पर लोगों को प्राइवेट वाहनों का सहारा लेना पड़ा। जिससे आम लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ी।
केस एक :
आटा थाना क्षेत्र के ग्राम सुरहटी निवासी रामबाबू की बहू निशी का हाल ही ऑपरेशन हुआ था। सोमवार को अचानक दर्द होने लगा। इस दौरान एंबुलेंस कर्मियों के चक्काजाम करने की वजह से निजी साधन का प्रयोग घर जिला अस्पताल इलाज कराने के लिए आए थे। रामबाबू ने कहा कि दो हजार रुपये की हानि हो गई है। जिसकी वजह से परेशानी का सामना करना पड़ा है। केस दो :
कदौरा निवासी बृजेश अपनी पत्नी को डिलेवरी कराने के लिए एंबुलेंस की मदद लेनी चाही। लेकिन इन्हें सरकारी लाभ नहीं मिल पाया। जिसकी वजह परेशान हो गए। इसके बाद निजी साधन से वह फिर इलाज कराने के लिए आए। जिससे समय और रुपये दोनों की बर्बादी हुई है। - कालपी-जालौन हाईवे पर किया विरोध-प्रदर्शन
- कर्मचारियों ने दोहराई मांगें, इमरजेंसी में लगाई चार गाड़ियां जागरण संवाददाता, उरई : जिले के एंबुलेंस कर्मी सोमवार को विभिन्न मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर चक्का जाम किया। काफी समय से समस्याओं को शासन स्तर पर अवगत कराने के बाद भी मांगें पूरी न होने पर नाराजगी जताई। कालपी-जालौन बाइपास पर एएलएस (एडवांस लाइफ सपोर्ट) की 40 गाड़ियों को खड़ी कर चक्का दी। जाम कर दिया। कर्मचारियों ने एलान किया कि मांगों को पूरा न किया गया तो हड़ताल जारी रखेंगे। एंबुलेंस चालकों की हड़ताल के कारण सारा दिन मरीजों की जान सांसत में रही। इमरजेंसी पड़ने पर लोगों को प्राइवेट वाहनों का सहारा लेना पड़ा। जिससे आम लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ी।
जीवनदायिनी संघ के प्रदेश अध्यक्ष हनुमान पांडेय के आह्रवान पर प्रदेश के सभी जिलों में सोमवार को एंबुलेंस चालक हड़ताल पर रहे। हड़ताल को संबोधित करते हुए एंबुलेंस चालक संघ के जिलाध्यक्ष दीपक कुमार ने कहा कि लंबे समय से मांग पत्र शासन को भेजा जा रहा है लेकिन कर्मचारियों की मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है। कर्मचारियों का लगातार शोषण किया जा रहा है। महामंत्री विकास केशरवानी ने कहा कि प्राइवेट कंपनियों के जरिए कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है। कर्मचारी संघ आर- पार की लड़ाई लड़ेगा। बुंदेलखंड प्रभारी प्रदीप चौधरी ने कहा कि इमरजेंसी के लिए चार वाहन को लगाया गया है। जिससे गंभीर मरीजों को परेशानी का सामना न करना पड़े। इस दौरान रोहित कुमार, धीर सिंह, रोहित शाक्य, मनीष कुमार, आदित्य, धर्मेंद्र शाक्य, गोलू राजा, अंजू बर्मा, अजय कुमार, गौरव तिवारी, अनिल कुमार आदि मौजूद रहें प्रमुख मांगें
- एंबुलेंस पर कार्यरत कर्मचारियों को कंपनी बदलने पर कर्मचारियों को न बदला जाए
- अनुभवी कर्मचारियों को ही रखा जाए। साथ ही कोरोना महामारी के दौरान अग्रणी भूमिका निभा रहे कोरोना योद्धाओं, कोरोना वारियर्स एंबुलेंस कर्मियों को ठेकेदारी से मुक्ति दी जाए।
- एंबुलेंस कर्मियों को नेशनल हेल्थ मिशन के अधीन नहीं किया जाता है, तब तक मिनिमम वेज तथा चार घंटे की ओटी दिया जाए।
- 2300 लगभग व प्रतिवर्ष महंगाई भत्ता भी दिया जाए।
- कोरोना काल में मरे आश्रितों के परिवार को जल्द बीमा राशि 50 लाख रुपये और सहायता राशि सरकार की तरफ से जारी हो। कोट
एंबुलेंस चालकों की हड़ताल के कारण आम लोगों को परेशानी हुई है। चार इमरजेंसी वाहनों को लगाया गया था। चालकों से वार्ता की जा रही है। कोशिश की जा रही है कि हड़ताल जल्द समाप्त हो।
डा. ऊषा सिंह, सीएमओ जालौन