लक्ष्य को प्राप्त करने में उम्र नहीं होती बाधक
संवाद सहयोगी, जालौन : भगवान को अपने भक्तों की रक्षा के लिए विभिन्न रूप में आना पड़ता है और भक्
संवाद सहयोगी, जालौन : भगवान को अपने भक्तों की रक्षा के लिए विभिन्न रूप में आना पड़ता है और भक्तों के संकटों को दूर करना होता है। वहीं अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उम्र उसके कार्य में बाधक नहीं होती है।
उक्त बात ग्राम खनुआ में श्रीराम महायज्ञ के तीसरे दिन कथा व्यास शिवम शास्त्री ने श्रद्धालुओं के सम्मुख कही। महायज्ञ के तीसरे दिन ध्रुव की कथा को सुनाते हुए कहा कि उसकी सौतेली मां द्वारा जब पिता की गोद से नीचे फेंक दिया गया तो ध्रुव ने ठान लिया था कि वह पिता से भी ऊंचा स्थान प्राप्त करेगा। इस संकल्प को लेकर वह जंगल की ओर चला गया। उस समय उसकी उम्र मात्र पांच वर्ष की थी। भगवान ने उसकी तपस्या से प्रसन्न हो उसे सर्वोच्च स्थान दिया। आज भी उत्तर की दिशा में अटल ध्रुव तारा है। इसके बाद उन्होंने भक्त प्रहलाद की कथा सुनायी। कथा को सुनने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे। रात्रि जागरण में रामलीला का मंचन किया गया जिसमें ताड़का वध, मुनि याचना तथा जनक बाजार की लीला का मंचन किया गया। राम की भूमिका में मनोज कुमार तिवारी, लक्ष्मण आजाद, दशरथ सीताराम के साथ सभी कलाकारों का अभिनय सराहनीय रहा।