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73 दिनों बाद अफसरों को मिली राहत, मिटाई थकान

लगातार 73 दिनों से लोकतंत्र के महापर्व को संपन्न कराने में दिन रात जुटे रहे अफसरों को मतगणना समाप्त होने के बाद अब राहत मिली है। शुक्रवार को सरकारी कार्यालय तो खुले लेकिन अफसार ज्यादा समय तक नहीं बैठे। चुनावी कार्यों में उलझे रहे अफसरों को मतगणना के बाद तनाव मुक्त रहने का आज पहला दिन मिला। अफसरों ने आवास पर रहकर थकान मिटाई ।

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 May 2019 12:15 AM (IST)Updated: Sat, 25 May 2019 06:23 AM (IST)
73 दिनों बाद अफसरों को  मिली राहत, मिटाई थकान
73 दिनों बाद अफसरों को मिली राहत, मिटाई थकान

जागरण संवाददाता, उन्नाव : लगातार 73 दिनों से लोकतंत्र के महापर्व को संपन्न कराने में दिन रात जुटे रहे अफसरों को मतगणना समाप्त होने के बाद अब राहत मिली है। शुक्रवार को सरकारी कार्यालय तो खुले लेकिन अफसार ज्यादा समय तक नहीं बैठे। चुनावी कार्यों में उलझे रहे अफसरों को मतगणना के बाद तनाव मुक्त रहने का आज पहला दिन मिला। अफसरों ने आवास पर रहकर थकान मिटाई। जरूरी कागजों पर हस्ताक्षर व फाइलों का निस्तारण कैंप कार्यालय से ही किया। निर्वाचन प्रक्रिया का समापन होने के बाद शुक्रवार को पहला दिन ऐसा रहा जब सरकारी कार्यालय तो खुले लेकिन कुछ में सन्नाटा रहा वहीं जिन कार्यालयों में कर्मचारी मौजूद रहे वह भी सरकारी काम काज के बजाय चुनावी चर्चा में जुटे रहे।

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11 मार्च को चुनाव की घोषणा होने के साथ ही अफसर लोकतंत्र के महापर्व की तैयारी में जुट गए थे। अफसरों का अवकाश भी निरस्त हो गया था। मतदाता जागरूकता से लेकर मतदान और मतगणना की तैयारियों में पूरा प्रशासनिक अमला दिन रात जुटा रहा। अफसरों को राहत की सांस गुरुवार को मतगणना समाप्त होने के बाद मिली। हलाकि शुक्रवार को भी निर्वाचन आयोग को विभिन्न सूचनाएं भेजने में अफसर लगे रहे लेकिन वह तनाव मुक्त रहे। डीएम देवेंद्र कुमार पांडेय, एडीएम राकेश सिंह, सीडीओ प्रेमरंजन सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट समेत वरिष्ठ अधिकारी सुबह कुछ देर के लिए कार्यालय पहुंचे जरूरी फाइलें निपटाई और थकान मिटाने अपने आवास चले गए। शाम को कैंप कार्यालयों में बैठकर जरूरी काम निपटाया। अधिकतर कार्यालयों में दोपहर से ही सन्नाटा पसरा रहा। अफसरों के जाने के बाद कर्मचारी भी इधर-उधर हो गए। जो कर्मचारी मौजूद रहे वह भी चुनावी चर्चा में मशगूल रहे । चर्चा का केंद्र प्रचंड बहुमत कैसे मिला ही था। उसमें कर्मचारी अपने-अपने तर्क देते रहे। अफसरों का कहना था महापर्व तो सकुशल संपन्न हो गया अब विकास कार्यों को गति देनी है।

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अफसर बोले

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मतदाताओं का योगदान सराहनीय

लोकसभा का चुनाव लोकतंत्र का सबसे बड़ा महापर्व था। इसे निष्पक्ष और शांतिपूर्वक संपन्न कराने की चुनौती थी। जिले के मतदाताओं ने प्रशासन को पूरा सहयोग किया। शांति और कानून व्यवस्था कायम रखने में योगदान के लिए वह प्रशंसा के पात्र हैं। अब विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। अफसरों ने भी निष्ठा के साथ काम किया उनका योगदान प्रशंसनीय है।

- देवेंद्र कुमार पांडेय, डीएम

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सभी का सहयोग प्रशंसनीय

स्वीप और मतदाता कार्मिक व्यवस्था का जो दायित्व सौपा गया उसे पूरा करने में जो सफलता मिली वह साथी अफसरों, कर्मचारियों का संयुक्त प्रयास है। जनता ने भी इस काम में पूरा सहयोग किया। सभी ने अपनी जिम्मेदारी समझ जो दायित्व निर्वहन किया उसके लिए सभी की सरहना की जाती है।

- प्रेमरंजन सिंह, सीडीओ

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डीएम और जनता का अतुलनीय सहयोग

अफसरों और जिले के मतदाताओं के संयुक्त सहयोग से लोकतंत्र के महापर्व को निष्पक्ष सकुशल निपटाने में सफलता मिली है। डीएम के कुशल दिशा निर्देश और जन सहयोग का ही परिणाम है चुनाव कार्य में अफसरों पर कोई अंगुली नहीं उठा पाया। जिले के लोगों और साथी अफसरों का आभार व्यक्त करता हूं।

- राकेश सिंह, एडीएम


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