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60 फीसद गर्भवती महिलाओं में खून की कमी

जागरण संवाददाता, उरई : नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार जनपद जालौन में आज

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 May 2018 11:47 PM (IST)Updated: Sat, 12 May 2018 11:47 PM (IST)
60 फीसद गर्भवती महिलाओं में खून की कमी
60 फीसद गर्भवती महिलाओं में खून की कमी

जागरण संवाददाता, उरई : नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार जनपद जालौन में आज भी गर्भवती महिलाओं की प्रसव के दौरान जान जोखिम में रहती है। इसकी मुख्य वजह उनमें खून की कमी होती है। वर्ष 2016 तक की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार जनपद में साठ फीसदी गर्भवती महिलाएं खून की कमी की वजह से जटिल परिस्थितियों में थीं। अब स्थिति में सुधार करने की कवायद चल रही है।

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कुठौंद निवासी सोना देवी उन महिलाओं में हैं जो गर्भावस्था के दौरान खून की कमी से ग्रसित थीं। एएनएम द्वारा उन्हें बताया गया कि उनका हीमोग्लोबिन मात्र 7 है। जिसके चलते उन्हें जोखिम वाली गर्भावस्था में रखा गया है। उन्हें सलाह दी गई कि वे समय से जांच कराती रहें और आयरन की गोलियां जरूर खाएं। इसके बाद सोना देवी ने वैसा ही किया जब प्रसव का समय आया तो उनका खून आठ ग्राम हो गया जिससे सफलता पूर्वक उनका संस्थागत प्रसव कराया गया।

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स्वास्थ्य के मामले में अच्छी नहीं महिलाओं की दशा

नेशनल फैमिली हैल्थ सर्वे -4 (2015-16) के अनुसार जनपद जालौन में करीब साठ फीसद महिलाएं खून की कमी से ग्रसित पाई गईं हैं। खासतौर से ग्रामीण क्षेत्र की स्थिति ज्यादा खराब है। ग्रामीण इलाकों में 67 फीसदी गर्भवती महिलाएं एनमिक हैं। महिलाओं की समग्र स्थिति देखें तो 61 फीसदी महिलाएं खून की कमी से ग्रसित हैं।

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क्या है खून की कमी

खून की कमी यानी एनीमिया का मतलब है जब रक्त में हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य से काफी कम हो जाता है। इस तरह की स्थिति को चिकित्सीय भाषा में आयरन की कमी भी कहते हैं।

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क्या कहता है स्वास्थ्य विभाग

जिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. सुनीता बनौधा का कहना है कि महिलाओं में खून की कमी के बहुत से कारण हैं। जैसे सामाजिक, व्यक्तिगत जागरूकता की कमी, अशिक्षा। ऐसे में वे अपना खयाल नहीं रख पाती हैं। वहीं दूसरी ओर जब महिला किशोरावस्था में होती है और मासिम धर्म शुरू हो जाता है। जिसकी वजह से उनके अंदर खून की कमी होने लगती है। गर्भावस्था के दौरान गर्भ में पल रहे बच्चे को भी खून की जरूरत होती है जिसकी पूर्ति मां से ही होती है। इसकी वजह से प्रसूता खून की कमी से ग्रसित हो जाती है, यह चक्र चलता ही रहता है।

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इस तरह दूर होगी खून की कमी

शरीर में आयरन की कमी को पूरा करने के लिए प्रसूता को हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना चाहिए। यदि चक्कर व घबराहट की होती है तो उसे नजरअंदाज न करें। सभी तरह की जांचें नियमित समय से करानी चाहिए।

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