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हर माह 30 लाख खर्च, फिर भी पसरी गंदगी

संवाद सहयोगी, जालौन : देश भर में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। हर किसी को जागरूक किया

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Sep 2018 06:24 PM (IST)Updated: Sat, 08 Sep 2018 06:24 PM (IST)
हर माह 30 लाख खर्च, फिर भी पसरी गंदगी
हर माह 30 लाख खर्च, फिर भी पसरी गंदगी

संवाद सहयोगी, जालौन : देश भर में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। हर किसी को जागरूक किया जा रहा है। गांवों में सफाई कर्मचारी भी तैनात हैं। इसके बावजूद यहां की गंदगी साफ नहीं हो रही है। हर माह करीब 30 लाख रुपये कर्मचारियों के वेतन पर खर्च होने के बाद भी गांवों में गंदगी नजर आ रही है, जिससे स्वच्छता अभियान को पलीता लग रहा है।

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वर्ष 2008 में गांवों में सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी। सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति को हुए एक दशक हो गया है। लगभग हर ग्रामसभा में दो सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति है। इससे उम्मीद की जा सकती है कि गांव की सफाई व्यवस्था दुरुस्त होगी ¨कतु हकीकत इसके विपरीत है। विकास खंड का शायद ही कोई ऐसा गांव होगा जिसमें सफाई व्यवस्था चाक चौबंद हो। हर गांव में गंदगी है तथा इसके लिये सिर्फ सफाई कर्मचारी ही जिम्मेदार हों, ऐसा भी नहीं है। इसके लिए जितने जिम्मेदार सफाई कर्मचारी हैं उतनी ही जिम्मेदार ग्रामीणों की सोच भी है। जो जागरूकता अभियान के बाद भी सफाई के महत्व को नहीं समझ रहे हैं।

विकास खंड की 62 ग्राम पंचायतों में सफाई के लिए 121 सफाई कर्मचारी नियुक्त है। हर सफाई कर्मचारी को लगभग 24 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन मिलता है। ऐसे में गांवों की सफाई पर हर माह पंचायतीराज विभाग 30 लाख रुपये खर्च कर रहा है। इसके बाद भी गांवों की सफाई व्यवस्था भगवान भरोसे चल रहा है।

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सफाई कर्मचारी बने प्रधानों के सेवादार

ग्राम पंचायत में नियुक्त सफाई कर्मचारियों की नौकरी प्रधान व सचिवों पर निर्भर है। प्रधान प्रत्येक माह मस्टररोल पर हस्ताक्षर करते हैं इसलिए सफाई कर्मचारी सफाई से ज्यादा प्रधान की जी हुजूरी पर ध्यान देते हैं।

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आधा दर्जन सफाई कर्मचारी साहब की सेवा में

गांव में सफाई के लिए नियुक्त हुए कई सफाई कर्मचारी ऐसे भी हैं जो गांवों में जाने की बजाय किसी कार्यालय में काम कर रहे हैं। कोई साहब की सब्जी लाता है तो कोई साहब का खाना बना रहा है। वाल्मीकि समाज के इतर सफाई कर्मचारी के पद पर नियुक्त कर्मचारी जुगाड़ लगाकर सफाई से बचने का प्रयास करते हैं। आधा दर्जन सफाई कर्मचारी सफाई की जगह साहब की जी-हुजूरी करने में लगे हैं।

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क्या कहते जिम्मेदार

समय-समय पर गांवों में हो रही सफाई व्यवस्था का निरीक्षण किया जाता तथा खामी मिलने पर सफाई कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है।

रमाशंकर प्रजापति, एडीओ (पंचायत)

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