हर घटना का वर्कआउट संभव नहीं!
प्वाइंटर- 01 जनवरी 2018 से दिसंबर 2019 तक चोरी की 147 व नकबजनी की 128 घटनाएं हुई हैं। 42 घटनाएं लूट की हुईं ये वे मामले हैं जो पंजीकृत हो सके। 76 चोरी की 56 नकबजनी की और 11 लूट की घटनाओं का पर्दाफाश नहीं हो सका सब हेड- दो साल में चोरी व नकबजनी की लगभग डेढ़ सौ घटनाएं चुनिदा घटनाओं का हुआ खुलासा कड़वा सच -छोटी चोरियों पर काम नहीं कर पाती पुलिस संसाधन की भी कमी
जागरण संवाददाता, हाथरस : चोरी, नकबजनी व लूट की हर घटना का पर्दाफाश पुलिस के लिए संभव नहीं। इसलिए कई मामलों की फाइल जांच जारी रहने के साथ बंद कर दी जाती है। घटनाएं न खुलने की वजह से अपराधियों के हौंसले बढ़ते हैं। आरटीआइ से मिली जानकारी के अनुसार चोरी की 52 फीसद, नकबजनी की 44 फीसद तथा लूट की 26 फीसद घटनाओं का पर्दाफाश नहीं हो सका। इसके कारण ये केस बंद करने पड़े।
नहीं थम रहीं घटनाएं
चोरी व नकबजनी की घटनाओं पर लगाम नहीं है। हर साल दर्जनों दुकान व मकानों को निशाना बनाया जाता है। जब घटनाएं होती हैं तो एक के बाद एक लगातार होती हैं। नवंबर 2019 में ऐसा ही हुआ था। हाथरस गेट की साकेत कॉलोनी में किसान के घर से 15 लाख की चोरी। रमनपुर में एडीजी के रिश्तेदार रामेश्वर दयाल दीक्षित के घर 20 लाख की चोरी। अलीगढ़ रोड स्थित केनरा बैंक में सेंध। इसके बाद बिसावर में एसबीआइ शाखा में चोरी का प्रयास। नवल नगर में रिटायर्ड बैंक अधिकारी के घर लाखों की चोरी आदि सनसनीखेज घटनाएं हुईं। इनमें किसान के घर व एडीजी के रिश्तेदार के यहां हुई चोरियों का ही पर्दाफाश हो सका। बैंक शाखाओं में सेंध लगाने वालों का आज तक पता नहीं चला। अभी भी घटनाएं जारी हैं।
नहीं खुलतीं घटनाएं
चोरी की अधिकतर घटनाओं का पुलिस पर्दाफाश नहीं कर पाती। सीरीज में घटनाएं करने वाले गिरोह तो हत्थे चढ़ जाते हैं, जैसा कि हाथरस गेट क्षेत्र में सिलसिलेवार हुईं चोरियों में हुआ। बैंक शाखाओं में सेंध लगाने वाली घटनाएं अलग तरह की थीं, जिनमें पुलिस विफल रही। आरटीआइ से मिली जानकारी के अनुसार एक जनवरी 2018 से दिसंबर 2019 तक चोरी की 147 व नकजनी की 128 घटनाएं हुई हैं। वहीं लूट की घटनाएं 42 रहीं। ये वे मामले हैं जो पंजीकृत हो सके। इनमें से चोरी की 76, नबजनी की 56 व लूट की 11 घटनाओं का पर्दाफाश नहीं हो सका। पिछले साल पुरदिलनगर के प्राचीन मंदिर में पड़ी डकैती का पर्दाफाश अब तक नहीं हो सका। इस घटना में बदमाश बेशकीमती मूर्ति ले गए थे।
बंद घरों पर नजर
चोरी की घटनाओं पर ब्रेक नहीं। गश्त बढ़ाई गई व लोगों से अपील की गई कि वे घर बंद करने से पहले पुलिस को सूचना दे दें, लेकिन कोई योजना काम नहीं आई। दिन या रात में घर पर ताला लगाकर जाने का मतलब चोरों को न्यौता देना है। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल भी हो रहा है, जिसमें पुलिस पकड़े गए चोर से ताला तुड़वा रही है। पलभर में चोर बिना आवाज के ताला तोड़ देता है। जनवरी में शहर की पॉश कॉलोनी वसुंधरा एन्कलेव में अधिवक्ता व उसके बाद शिक्षक के घर में चोरी हो चुकी है। 14 जनवरी को वसुंधरा पुरम में रिटायर्ड दारोगा के घर में भी चोरी हुई थी। इनका कहना है
हर घटना के पर्दाफाश पर हमारा फोकस रहता है। यह प्राथमिकता में है कि चोरी की घटनाएं न हों। इसके लिए हाथरस जंक्शन व हाथरस सिटी स्टेशन पर पिकेट तैनात की गई है, जहां संदिग्ध लोगों की चेकिग की जा रही है। पुरानी घटनाओं के वर्कआउट न होने पर जिम्मेदार चौकी इंचार्जों पर कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही लोगों से अपील की जा रही है कि वे घर बंद करके जाने से पहले थाने पर सूचना देकर जाएं। सुरक्षा हम करेंगे।
-गौरव बंसवाल, एसपी, हाथरस