राष्ट्र की सुरक्षा व अर्थव्यवस्था संवारने वाले को मिलेगा साथ
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने व आतंकवाद पर लोगों ने रखी राय भाजपा के संकल्प पत्र पर कुछ लोग सकारात्मक तो कुछ बता रहे जुमला
जागरण संवाददाता, हाथरस : भारतीय जनता पार्टी के संकल्प पत्र को लेकर अधिकतर लोग सकारात्मक हैं। बस चाहते हैं कि वादे पूरे भी हों। आतंकी गतिविधियां न रुकने व राम मंदिर न बन पाने से लोग निराश जरूर हैं, लेकिन भरोसा भी है। इन मुद्दों को प्राथमिकता देकर भाजपा ने गंभीरता जो दिखाई है। लोग इसकी सराहना तो कर रहे हैं, लेकिन इस बात को लेकर आशंकित भी हैं कि ये सिर्फ चुनावी वादे बनकर न रह जाएं।
सूर्य से अधिक इस समय बाजारों में चुनाव की तपन है। दैनिक जागरण टीम बाजार में चुनावी माहौल भांपने पहुंची तो बागला मार्ग स्थित कंप्यूटर सेंटर पर कुछ लोग देश की राजनीतिक स्थिति पर अपनी राय देने में व्यस्त थे। मंगलवार की दोपहरी में ग्राहक नहीं थे, सो दुकानदार भी चुनावी चौपाल में शामिल हो गए। लोगों की सोच व समझ जानने के लिए हम भी अपना परिचय देते हुए दुकान पर जा बैठे। भाजपा के संकल्प पत्र पर चर्चा चल रही थी। दुआ-सलाम के बाद फिर से इन लोगों ने अपनी राय देनी शुरू की। रमनपुर के रहने वाले शैलेंद्र सांवलिया ने भाजपा के घोषणा पत्र को सकारात्मक बताया। बोले की राष्ट्रवाद व आतंकवाद पर इसी तरह की गंभीरता की जरूरत है। जो हमारी सेना को निशाना बना रहे हैं, उनसे कैसे नरमी? धारा 370 हटाने के मुद्दे को प्राथमिकता देने की बात को भी सही ठहराया। तभी व्यापारी विपिन अग्निहोत्री ने उनका समर्थन करते हुए बोले कि घोषणा पत्र में एक साथ चुनाव की बात अच्छी है। यदि ऐसा होता है तो इससे सरकारी खर्च तो घटेगा ही साथ ही लोगों को भी राहत मिलेगी।
दुकानदार अनुज अग्निहोत्री ने चुनावी वादों को केवल जुमला बताया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक वादे बरसाती मेंढक की तरह होते हैं। टर्र-टर्र से प्रभावित हुए तो इनके जाल में फंसना तय है। बोले कि नोटबंदी व जीएसटी ने तबाह कर दिया। इस बात को काटते हुए गिर्राज कॉलोनी के हेमंत शर्मा बोले की देश की अर्थव्यवस्था के लिए कठोर फैसले लेने पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि इस बार भी भाजपा देश की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने की बात कह रही है। देश की तो कोई सोच ही नहीं रहा। सबको अपनी पड़ी है। वे आगे बोल पाते कि उनकी हां में हां मिलाते हुए विपिन अग्निहोत्री ने कहा कि आम जनता की तरक्की देश से जुड़ी है। इसलिए उसे ही समर्थन मिलना चाहिए जो देश को विकसित देशों की सूची में शामिल करे।